Tuesday, May 21, 2024
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कांग्रेस सोनिया गांधी को राजस्थान से भेज सकती है राज्यसभा, बीजेपी में भी चल रहा है मंथन, भाजपा किसी गुर्जर चेहरे पर लगा सकती है मुहर

नईदिल्ली : राजस्थान से राज्यसभा की तीन सीटें खाली हुई हैं. इन तीन नामों पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों में मंथन चल रहा है. इसके बाद अब लोकसभा का चुनाव है. उसे ध्यान में रखते हुए दोनों पार्टिया यहां पर हर कदम फूंक-फूंककर रखेंगी. कांग्रेस पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की जगह अब अन्य नेताओं के नाम पर मंथन कर रही है. सूत्रों की मानें तो इसमें सोनिया गांधी का नाम लगभग फाइनल है.

चूंकि, सोनियां गांधी का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है. ऐसे में अब उनके रायबरेली से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने की भी चर्चा है. सोनिया गांधी को राजस्थान से कांग्रेस राज्यसभा भेज रही है. स्थानीय नेताओं में से किसी को राज्यसभा न भेजे जाने की तैयारी है. पार्टी यहां से एकजुटता दिखाना चाहती है. राजस्थान की 10 राज्यसभा सीटों में से कांग्रेस के पास अभी छह सदस्य हैं. नीरज डांगी को छोड़कर सभी सदस्य बाहरी हैं. मनमोहन सिंह, प्रमोद तिवारी, केसी वेणुगोपाल, रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुकुल वासनिक ये सभी पंजाब, यूपी, केरल, हरियाणा और महाराष्ट्र से आते हैं.

राजस्थान में रिक्त हो रही राज्यसभा की 3 सीटों पर 27 फरवरी को मतदान होना है. संख्याबल के लिहाज से दो सीट भाजपा और एक कांग्रेस के खाते में जा सकती है. जो तीन सीटें रिक्त हो रही हैं उनमें एक सीट पर कांग्रेस और दो पर भाजपा का कब्जा है.

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राजस्थान से बीजेपी किसी गुर्जर चहेरे को भेज सकती है राज्यसभा

वहीं बीजेपी में दो नाम पर मुहर लगनी है. मगर, इसके लिए भी नाम राज्य नहीं बल्कि केंद्र तय करेगा. यहां बीजेपी जातिगत समीकरण को साधने की तैयारी कर रही है. राज्य की बीजेपी सरकार में क्षत्रिय और गुर्जर को अधिक प्रतिनिधित्व न मिलने की भी चर्चा है. ऐसे में बीजेपी यहां से पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और एक किसी गुर्जर चहेरे को राज्यसभा भेज सकती है.

सुत्रों के मुताबिक, गुर्जर नेता विजय बैंसला को राज्यसभा भेज कर पार्टी एक बड़ा संदेश देना चाहती है. विजय बैंसला को राज्यसभा भेजने से यूपी, मध्य प्रदेश, हिमाचल, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव के दौरान गुर्जर वोटर्स पर बड़ा असर पड़ेगा.

राजस्थान में बीजेपी की सरकार बन गई है. मगर, गुर्जर अभी भी खुश नहीं है. उन्हें उनकी जाति का प्रतिनिधित्व मजबूत चाहिए. राजस्थान से बीजेपी के अभी जितने राज्यसभा सदस्य हैं, सभी प्रदेश से ही हैं. भूपेंद्र यादव, गजेंद्र गहलोत, घनश्याम तिवाड़ी और किरोड़ी लाल मीणा राजस्थान सरकार में मंत्री बन गए है. ऐसे में बीजेपी यहां से किसी बाहरी को नहीं बल्कि, स्थानीय नेताओं को ही राज्यसभा भेजेगी. जातिगत समीकरण में पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और विजय बैंसला फिट बैठ रहे हैं.

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भाजपा के राज्‍यसभा उम्‍मीदवार राज्‍यसभा चुनाव राजस्‍थान 2024 के भाजपा के उम्‍मीदवारों की दौड़ में पांच नेताओं के नामों पर चर्चा हो रही है.
1. ओमप्रकाश माथुर
ये राजस्‍थान से पहले भी राज्‍यसभा सांसद रह चुके हैं। भाजपा प्रदेशाध्‍यक्ष भी रहे हैं। छत्‍तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में प्रदेश प्रभारी रहे हैं.
2. राजेंद्र राठौड़
लगातार सात बार विधायक राजेंद्र राठौड़ साल 2023 को विधानसभा चुनाव चूरू जिले की तारानगर सीट से हार गए। इन्‍हें लंबा सियासी अनुभव है.
3. अलका गुर्जर
राष्‍ट्रीय सचिव व दिल्‍ली की सह प्रभारी अलका गुर्जर को राज्‍यसभा में भेजकर भाजपा लोकसभा चुनाव 2024 में महिला मतदाताओं को साध सकती है.
4. भूपेंद्र यादव
इनके बारे में खबर है कि राज्‍सभा चुनाव में उम्‍मीदवार नहीं बनाया गया तो बाबा बालकनाथ के तिजारा विधायक से खाली हुई अलवर संसदीय सीट से इनको लोकसभा चुनाव 2024 में उतारा जा सकता है.
5. सतीश पूनिया
राजस्‍थान विधानसभा चुनाव 2023 में जयपुर की आमेर सीट चुनाव हारने वाली सतीश पूनिया भाजपा प्रदेशाध्‍यक्ष भी रह चुके हैं। राज्‍यसभा में मौका नहीं मिला तो अजमेर, जयपुर ग्रामीण या अन्‍य किसी सीट से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं.

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बंगाल में भाजपा एक सीट पर उतारेगी अपना प्रत्याशी

बंगाल में राज्यसभा की खाली हो रही पांच सीटों के लिए 27 फरवरी को होने वाले चुनाव में राज्य में भाजपा एक सीट पर अपना प्रत्याशी उतारेगी. राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि बंगाल से एक सीट के लिए प्रदेश भाजपा नेतृत्व द्वारा चार-पांच लोगों के नाम दिल्ली भेजे जाएंगे. उन्होंने दावा किया कि राज्य में पांच में से एक सीट पर भाजपा जीतेगी.

बंगाल में पांच सीटों पर होने वाले चुनाव में एक सीट पर भाजपा की जीत तय मानी जा रही है. इससे पहले पिछले साल बंगाल से पहली बार भाजपा के टिकट पर राजवंशी समुदाय के नेता अनंत महाराज राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए थे. वे बंगाल से भाजपा कोटे से राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने वाले पहले व्यक्ति हैं. अब भाजपा के टिकट पर जो निर्वाचित होंगे. वे बंगाल से राज्यसभा में जाने वाले दूसरे नेता होंगे.

बंगाल से सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के अबीर बिस्वास, सुभाशीष चक्रवर्ती, नदीमुल हक, शांतनु सेन और कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी का कार्यकाल दो अप्रैल को समाप्त हो रहा है. इन सभी सीटों पर 27 फरवरी को मतदान होगा. विधानसभा में संख्या बल के हिसाब से इनमें चार सीटों पर तृणमूल की जीत तय मानी जा रही है.

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मिलिंद के कांग्रेस छोड़ने के बाद महाराष्ट्र कांग्रेस में टूट की आशंका

महाराष्ट्र कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. पिछले दिनों मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा के कांग्रेस छोड़ने के बाद से लगातार चर्चा है कि उनके कुछ करीबी रहे विधायक और नेता कांग्रेस को अलविदा कह सकते हैं. देवड़ा ने गत 14 जनवरी को उस दिन कांग्रेस से अलविदा होने का फैसला किया था. जिस दिन राहुल गांधी मणिपुर से अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा की शुरुआत करने वाले थे. उन्होंने कांग्रेस को छोड़कर शिंदे शिवसेना का दामन थामा था. इस सिलसिले में ताजा नाम बाबा सिद्दीकी का माना जा रहा है. कहा जा रहा है कि वह भी पार्टी का हाथ छोड़ सकते हैं.
सिद्दीकी को लेकर चर्चा उस समय तेज हुई जब पिछले दिनों उन्होंने एनसीपी नेता व प्रदेश के डिप्टी सीएम अजीत पवार से मुलाकात की. बाबा अपने बेटे और मौजूदा विधायक जीशान के साथ अजीत पवार से मिले थे. हालांकि उस मुलाकात के बाद बाबा ने मीडिया में कहा था कि पिछले 48 साल से मैं कांग्रेस के साथ हूं. भविष्य का कोई कुछ नहीं बता सकता है. फिलहाल कांग्रेस के साथ हूं. वहीं अजीत पवार को लेकर उनका कहना था कि अजीत पवार से मेरे अच्छे रिश्ते हैं. पिछले तीन दशकों से उन्हें जानता हूं. उनका कहना था कि अगर मैं कुछ फैसला लूंगा तो मैं आप सभी को बताऊंगा.
मिलिंद देवड़ा के जाने के बाद मुंबई कांग्रेस में दोफाड़ में टूट की नौबत आ गई है. मिलिंद मुंबई कांग्रेस को वित्तीय सहयोग करते थे. ऐसे में उसके साथ जो भी नेता हैं वे भी टूटने के कगार पर हैं. पिछले दिनों धारावी सहित मुंबई के चार कांग्रेस पार्षद शिंदे शिवसेना में शामिल हो गए. ये सभी पार्षद मिलिंद देवड़ा के करीबी माने जाते हैं.
महाराष्ट्र में छह सीटें खाली हो रही हैं. जिन पर चुनाव होने हैं. अगर बीजेपी अपना सातवां उम्मीदवार उतारती है तो कांग्रेस के लिए मुश्किल हो सकती है. राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के टूट होने की संभावना है. कांग्रेस के वहां 44 विधायक हैं. राज्यसभा जीतने के लिए यहां 42 विधायक चाहिए. ऐसे में कांग्रेस को एक सीट मिल सकती है. महाराष्ट्र में कांग्रेस सांसद कुमार केतकर का कार्यकाल आगामी अप्रैल में खत्म हो रहा है. लेकिन वहां तैयारी हो रही है कि कांग्रेस में टूट हो जाए.
बीजेपी सातवां उम्मीदवार तय करने के लिए हाल ही में प्रदेश के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस दिल्ली आकर शीर्ष नेताओं से मिलकर गए हैं. अगर संख्या बल की बात की जाए तो राज्य में बीजेपी, शिवसेना शिंदे गुट और एनसीपी अजीत पवार गुट की महायुति आराम से पांच सीटें निकाल सकती है. छठी सीट वहां कांग्रेस निकालने की स्थिति में है. लेकिन सत्तापक्ष की कोशिश है कि कांग्रेस में टूट करा कर यह सीट भी महायुति के खाते में डाली जाए.

हिमाचल प्रदेश से कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को राज्यसभा में भेजे जाने की चर्चा

हिमाचल प्रदेश से कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को राज्यसभा में भेजे जाने की चर्चा है. विधानसभा चुनाव के दौरान प्रियंका की हिमाचल में पूरी तरह से सक्रियता रही थी. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर प्रियंका लोकसभा चुनाव नहीं लड़ती है तो हिमाचल से राज्यसभा में प्रवेश कर सकती हैं.
अगर प्रियंका लोकसभा चुनाव लड़ती हैं तो सोनिया गांधी को यहां से राज्यसभा भेजा सकता है. इनके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा का नाम भी राज्यसभा जाने के लिए चर्चा में है. उधर, मुख्यमंत्री सुक्खू और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह पहले ही बता चुके हैं कि हिमाचल से राज्यसभा जाने वाले नेता का नाम हाईकमान ही तय करेगा.

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