Monday, May 13, 2024
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बेटी पैदा होने पर फ्री डिलेवरी, ‘बेटी बचाओ’ की मिसाल पेश कर रहा यह अस्पताल

महाराष्ट्र : पुणे के हडपसर स्थित मैटरनिटी मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में बीते 11 सालों में 2400 से अधिक बच्चियों की डिलीवरी मुफ्त में की गई है. अस्पताल के डॉ गणेश राख का दावा है कि उन्होंने प्रसूता के परिवारीजनों से इसके लिए एक भी पैसा नहीं लिया.

पुणे का एक अस्पताल ‘बेटी बचाओ मिशन’ का जीता-जागता उदाहरण बन गया है. कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ अभियान के तहत यहां बेटी होने पर डिलीवरी का पूरा पैसा माफ होता है. इसके अलावा यह अस्पताल लोगों को भ्रूण हत्या के खिलाफ जागरूक भी कर रहा है.

दअअसल पुणे के हडपसर स्थित मैटरनिटी मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में बीते 11 सालों में 2400 से ज्यादा बच्चियों की डिलीवरी मुफ्त में की गई है. अस्पताल के डॉ गणेश राख का दावा है कि उन्होंने प्रसूता के परिवारीजनों से इसके लिए एक भी पैसा नहीं लिया.

2012 में शुरू हुई थी पहल
डॉक्टर गणेश राख बताते हैं कि कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ हमारी यह पहल 2012 में शुरू हुई थी. बाद में कई राज्य व अफ्रीकी देश इससे जुड़ते गए. उन्होंने बताया कि अगर किसी परिवार में लड़की पैदा होती है तो हम पूरा चिकित्सा शुल्क माफ करते हैं. इस सकारात्मक पहल का यह नतीजा है कि आसपास के क्षेत्रों में कन्या भ्रूण हत्या के मामलों में गिरावट दर्ज की गई है.

लड़की होने पर देखने तक नहीं आते थे रिश्तेदार 
डॉ. गणेश बताते हैं अस्पताल के शुरुआती दिनों में जब भी किसी के यहां लड़की पैदा होती थी. तो परिवार वाले उसे देखने आने से कतराते थे. लड़की होने पर अस्पताल की फीस देने से भी इनकार करते थे. वहीं जब लड़का पैदा होता था तो वे खुशी-खुशी सब करते थे. ऐसे में हमने लड़की होने पर फीस माफ करने का फैसला लिया.

बच्ची के जन्म पर मनाया गया था उत्सव – पठान

पठान ने कहा कि अस्पताल ने अपनी नीति के अनुसार बच्ची के जन्म में लगने वाला शुल्क माफ कर दिया और उनकी पत्नी को अस्पताल से छुट्टी मिलने पर एक छोटे से उत्सव का आयोजन किया गया. उन्होंने कहा, ‘‘अस्पताल ने लॉबी को फूलों और गुब्बारों से सजाया. केक काटा, बच्ची के समर्थन में नारे लगाए और जब हम अस्पताल से निकल रहे थे तो मेरे जुड़वा बच्चों पर फूल बरसाए गए’’ अस्पताल में अभियान से जुड़े लालसाहेब गायकवाड़ ने कहा कि अस्पताल से छुट्टी के समय इस तरह के उत्सव के पीछे का उद्देश्य कन्या शिशु के जन्म पर माता-पिता को गर्व महसूस कराना और इसे एक विशेष आयोजन बनाना है.

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