भिलाई : अल मदद एजुकेशन वेलफेयर सोसाइटी का पहला स्थापना दिवस छत्तीसगढ़ ग्रंथालय सेक्टर-7 में एक गरिमामय समारोह में मनाया गया. इस दौरान पद्मश्री शमशाद बेगम सहित कई क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य कर रहीं महिलाएं मेहमानों के तौर पर मौजूद थीं। आयोजन में सोसाइटी की ओर से जरूरतमंदों को मदद की गई. वहीं केक काट कर संस्था की सालगिरह की खुशियां मनाई गई।
पूरी तरह महिलाओं के जरिए संचालित अल मदद सोसाइटी समाज में शिक्षा और चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में लगातार काम कर रही है और मुस्लिम समाज की यह पहली महिलाओं की पंजीकृत गैर सरकारी संस्था NGO है। जिसमें 120 से ज्यादा महिलाएं दुर्ग भिलाई से जुड़ी हुई हैं. सभी सदस्य आपस में आर्थिक योगदान करते हुए कई कामों को अंजाम दे रही हैं. पद्मश्री शमशाद बेगम ने कहा कि मुस्लिम औरतों में समाज सेवा का यह जज्बा काबिले तारीफ है और ऐसी छोटी-छोटी कोशिशों से हम समाज में बेहतरी के लिए अपना योगदान दे सकते हैं.
आयोजन को खुसुशी मेहमान के तौर पर मौजूद छत्तीसगढ़ राज्य हज कमेटी की सदस्य प्रोफेसर रूबीना अल्वी, बौद्ध महाबोधि मुक्ति आदोलन की महासचिव सरोज बौद्ध, नजहत मक्सूद कसारीडीह दुर्ग की पार्षद, नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. गजाला सिद्दीकी, प्रोफेसर डॉक्टर यास्मीन परवेज, एक गैर सरकारी संगठन की संचालक व निजी स्कूल की सचिव रजिया खातून, ह्यूमन वेलफेयर सोसाइटी की स्वालीहा अस्वद, बीवी फातिमा जेहरा कमेटी की तरफ से प्रेसिडेंट शाहिन खान व सेक्रेटरी नसीम सुल्ताना, बैतुलमाल कमेटी की तरफ से मोहम्मद हफीज खान व जकात फाउंडेशन के प्रतिनिधि ने भी अपनी बात रखी और समाज सेवा के क्षेत्र में सक्रिय अल मदद एजुकेशन वेलफेयर सोसाइटी के कामों को सराहा.
इस दौरान सोसाइटी की ओर से किडनी की व्याधि से जूझ रहीं तबस्सुम को 20 हजार रूपए का चेक माली मदद के तौर पर दिया गया। शुरूआत में सोसाइटी की अध्यक्ष अंजुम अली ने अपना प्रतिवेदन पढ़ा. जिसमें उन्होंने संस्था द्वारा किए जा रहे कामों और भविष्य की योजनाओं की रूपरेखा प्रस्तुत की.
प्रोग्राम को कामयाब बनाने में सोसाइटी की सचिव कौसर खान, शाहीन खान, शबाना सिद्दीकी, आयशा आलम, एसएन शेख, फरीदा अली, रेहाना परवीन, समीना खान, नाहिदा खान, रुखसाना सिद्दीकी, नाजरीन, फरहीन और नीलोफर सहित सभी पदाधिकारियों व सदस्यों का योगदान रहा।