Sunday, June 16, 2024
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छत्तीसगढ़ मिलेट कार्निवल का शुभारंभ, सीएम बोले- मिड-डे मील में मिलेट शामिल होंगे, बच्चों को मिलेगा पोषण, बढ़ेगी बाजरे की खपत, किसानों को होगा फायदा

रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ महतारी के छायाचित्र पर माल्यार्पण, दीपप्रज्वलन कर एवं राज्य गीत “अरपा पैरी के धार” से छत्तीसगढ़ मिलेट कार्निवल का शुभारंभ किया। सुभाष स्टेडियम में 17 से 19 फरवरी तक कार्निवाल का आयोजन छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ तथा आईआईएमआर हैदराबाद के संयुक्त तत्वाधान में किया जा रहा है.

वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर, राज्य गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा, महापौर एजाज ढेबर भी कार्यक्रम में उपस्थित थे. मिलेट को लोगों के दैनिक आहार में शामिल करने तथा इसके पोषक तत्वों के प्रति जन-जागरूकता लाने के उद्देश्य से हो रहा है. कार्निवाल का आयोजन कार्निवाल में मिलेट फूड कोर्ट में आम नागरिक मिलेट के स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद उठा सकेंगे.

राजधानी रायपुर के मिलेट कार्निवाल में छत्तीसगढ़ के साथ-साथ देश के 7 राज्यों के स्टार्टअप द्वारा मिलेट उत्पादों की बिक्री सह प्रदर्शनी लगाई गई है. स्टार्टअप द्वारा लगाई गई इस प्रदर्शनी में मिलेट से तैयार केक, कुकीस, सूप, लड्डू सहित विभिन्न उत्पाद रखें गए हैं. इन उत्पादों के संबंध में आम लोगों द्वार उत्साह से जानकारी ली जा रही है.

कार्निवाल प्रतिदिन आम लोगों के लिए दोपहर 12 बजे से रात्रि 10 बजे तक खुला रहेगा. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्निवाल में स्टार्टअप द्वारा लगाई प्रदर्शनी का अवलोकन किया और उनका उत्साहवर्धन किया. मुख्यमंत्री बघेल ने इस मौके पर लाईव फूड कांउटर का शुभारंभ भी किया.

कार्निवाल में मिलेट स्टार्ट-अप अपने पैकेज्ड मिलेट उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है. कार्निवाल में जनजागरूक के लिए शैक्षणिक संस्थानों द्वारा नुक्कड़ नाटक और स्थानीय लोक कलाकारों द्वारा प्रतिदिन शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे. देश के चर्चित शेफ मिलेट के नए-नए स्वादिष्ट व्यंजन बनाना भी सिखाएंगे.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पहले मिलेट्स को पहले मेहनतकशों का भोजन समझा जाता था. मिलेट्स के बीज 12 साल तक सुरक्षित रहता है. इसमें कीट नहीं लगते. आज मिलेट्स अमीरों के भोजन बन गया है. क्योंकि सबसे ज्यादा शुगर के मरीज इसी वर्ग में हैं. मिलेट्स पोषक तत्वों से भरपूर है. शुगर कम से कम है. आज 1 लाख 65 हजार हेक्टेयर में मिलेट्स की खेती हो रही है. पहले 70 हेक्टेयर में खेती होती थी.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रोत्साहन से उत्पादन रकबे में दो से ढाई गुना वृद्धि हुई. मिलेट्स उत्पादन, संग्रहन, प्रसंस्करण से लोगों को रोजगार मिला. मिलेट्स को मध्यान्ह भोजन में शामिल किया जाए. छत्तीसगढ़ मिलेट्स का हब है. देश में पहली बार छत्तीसगढ़ में कोदो, कुटकी और रागी का समर्थन मूल्य घोषित किया गया. इससे हमारे किसानों का उत्साह बढ़ा पहले ही साल में 55 हजार क्विंटल मिलेट्स की खरीदी की गई.

उन्होंने कहा कि कोदो, कुटकी एवं रागी का बाजार मूल्य जहां पहले 12 से 15 रुपए हुआ करता था. वह आज बढ़कर 25 से 28 रुपए तक पहुच चुका है. मिलेट्स की खेती करने वाले किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत इनपुट सब्सिडी का लाभ मिल रहा है. राज्य शासन की आर्थिक मदद से कांकेर जिले के नथिया नवागांव में देश के सबसे बड़े मिलेट प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना निजी क्षेत्र में की गई है. आज 1 लाख 65 हजार हेक्टेयर में मिलेट्स की खेती हो रही है. पहले 70 हजार हेक्टेयर में खेती होती थी. राज्य सरकार के प्रोत्साहन से उत्पादन रकबे में दो से ढाई गुना तरक्की हुई.

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