गरियाबंद : मुंबई, गोवा, केरल जैसे बड़े महानगरों में पर्यटकों को मिलने वाली कायकिंग जैसे वाटर एडवेंचर की सुविधाएं अब छत्तीसगढ़ के मैनपुर क्षेत्र में भी मिलने लगेगी. गरियाबंद जिले के उदंती अभ्यारण्य क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने प्राकृतिक नदी जलप्रपातो में कायकिंग करने का भी अवसर उपलब्ध करा दिया गया है. यह गरियाबंद जिले के लिए एक बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है.
उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के युवा उपनिदेशक वरूण जैन द्वारा लगातार उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने कार्य किया जा रहा है. जबसे उन्होने कार्यभार संभाला है. पर्यटन को बढ़ावा देने विशेष कार्य लगातार किया जा रहा है. सालों से उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में पर्यटको के लिए निर्माण किए गए. विश्राम गृह और पर्यटन स्थलो में ठहरने की काटेजो को ठीक करवा कर तहसील मुख्यालय मैनपुर से महज 25 किमी की दूरी सोंढुर जलाशय में नौका विहार भी शुरू करा दिया गया है. और तो और सोंढुर जलाशय में ईको टुरीजम पार्क का निर्माण कार्य करा कर बच्चों व पर्यटकों के झुला व भोजन तक की व्यवस्था की गई है. जिसके चलते महज 30 रूपये बहुत कम चार्ज में बड़ी तादाद में पर्यटक सोंढुर में पहुंचकर नौका विहार का आनंद पिछले 6 माह से ले रहे हैं.
तहसील मुख्यालय मैनपुर से महज 18 किमी दूर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी गोदग्राम कुल्हाड़ीघाट से लगे देवदहरा जलप्रपात के नीचले हिस्से कठवा नर्सरी नदी में एक सप्ताह पूर्व वन विभाग द्वारा 4 कायकिंग बोट मंगवाये गए हैं. और इससे लोगों को यहा पर ट्रेनिंग भी दी जायेगी.
पर्यटक अब यहां कायकिंग का लुत्फ भी उठा पायेंगे. उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के कुल्हाड़ीघाट वन परिक्षेत्र में कायकिंग की व्यवस्था करने से जहां देवदहरा जलप्रपात में पर्यटकों की तादाद बढ़ेगी. और यहां आने वाले पर्यटकों को बड़े महानगरों की तरह पर्यटन के क्षेत्र में सुविधाएं भी मिलेगी.
कायकिंग एक वाटर एक्टीविटी है जिसमें छोटी नाव जिस कयाक कहते है उस पर बैठकर पानी में तैरते हैं. इसे सिर्फ मनोरंजन के लिए नही बल्कि सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद बताया जाता है. बड़े महानगरो में यह सुविधाएं पहले से उपलब्ध है. लेकिन गरियाबंद जिले में सिर्फ उदंती अभ्यारण्य के कुल्हाड़ीघाट देवदहरा जलप्रपात नदी में यह सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है. निश्चित तौर पर इसका आने वाले समय में बेहतर फायदा मिलेगा. साथ ही पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही वन प्रबंधन समिति को भी राजस्व की प्राप्ति होगी.
मैनपुर से महज 25 कि.मी. दूर सोंदूर जलासय में इन दिनो नौका विहार करने भारी तादाद में पर्यटक पहुंच रहे हैं. क्योकि पूरे गरियाबंद जिले में नौका विहार की सूविधाएं कही नही है. और उंदती सीतानदी टाईगर रिजर्व के सोंदूर जलासय में पहलीबार पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 4 मोटर बोर्ड लाए गए हैं. और महज बहुत कम लागत 30 रूपय प्रति व्यक्ति के दर से नौका विहार का लोग आनंद ले रहे हैं.
नौका विहार करने वाले पर्यटकों के लिए नौका चालक के साथ लाईट जाॅकेट सुरक्षा की इंतिजाम किए गए हैं. साथ ही ईको टूरिजम पार्क का निर्माण कार्य किया जा रहा है. जहां वर्तमान में बच्चों के लिए झुला व कई आकर्षक मनोरंम प्राकिृतक दृष्य हैं. चारो तरफ हरा भरा माहौल दिल को काफी सुकून देता है. और लोगो को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है.
लगातार रूटीन कार्यो और आफिस का तनाव परेशानियेां से कुछ समय निकाल कर लोग यहां सुकून की तलाश में पहुंच रहे हैं. जहां नौका विहार के साथ प्रकृति जंगल और धार्मिक स्थल मुचकुंद ऋषि के आश्रम पहाड़ी के उपर पहुंच कर पर्यटको को आनंद मन में एक नई ताजगी का संचार हो रहा है. यहां पहुँचने वाले पर्यटकों के लिए ईको पार्क का निर्माण कार्य किया जा रहा है. जिसमें आने वाले 3 माह के भीतर पर्यटकों को रूकने के लिए काटेज की निर्माण किया जा रहा है. पूरी तरह बांस और लकड़ी से निर्माण किये जा रहे इस काटेज का फायदा जल्द ही यहां पर्यटको को मिलेगा.
उदंती सीतानदी अभ्यारण्य क्षेत्र में इन स्थानो तक पहुंचने के लिए 2 जिप्सी की भी व्यवस्था वन प्रशासन द्वारा किया गया है. इन दिनों बड़ी तादाद में पर्यटक जिप्सी में इन पर्यटन स्थलो में आते जाते दिखाई दे रहे हैं.
उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक वरूण जैन ने बताया पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कुल्हाड़ीघाट देवदहरा के नीचे कठवा नदी में 4 नया कायकिंग बोट लाया गया है. जल्द ही इसकी शुल्क वन प्रबंधन समिति द्वारा तय किया जायेगा और इसका फायदा सभी पर्यटकों को मिलेगा.