Wednesday, May 15, 2024
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जशपुर में एक बार फिर विवादों में घिरी नियुक्ति, नियम के खिलाफ सहायक शिक्षक को दिया गया मंडल संयोजक का प्रभार

जशपुर : शिक्षा विभाग के पथलगाँव विकासखण्ड में मंडल संयोजक का पद रिक्त था जिस पद में प्रभारी के तौर पर नियुक्त होने के लिए कई शिक्षको ने आवेदन किया था. जिस पद में नियुक्ति हासिल करने के लिए सहायक शिक्षक भी भागदौड़ में लग गए थे. जबकि मण्डल संयोजक का पद सहायक शिक्षक के पद के बराबर भी नहीं है. इसके बाद भी बिना जांच किए विभाग के अधिकारियो द्वारा सहायक शिक्षक महेश यादव को मण्डल संयोजक बनने के लिए प्रस्ताव दे दिया गया. साथ ही सहायक शिक्षक अधिकारियों के साथ ही नेताओं के घरों के चक्कर भी लगाने लगे थे. इसे लेकर शहर में चर्चा का दौर शुरु हो गया था.
जानकारों ने पद पर नियमों को ताक पर रखकर सहायक शिक्षक की नियुक्ति होने पर एक बार फिर विवादों में घिरने की आशंका जताई है. उल्लेखनीय है कि शिक्षा विभाग में छात्रावासों की देख-रेख के लिए मंडल संयोजक की नियुक्ति राज्य शासन की तरफ से की जाती है. पत्थलगांव में इस पद पर सहायक शिक्षक महेश यादव को नियुक्त किया गया है. काफी लंबे समय से पत्थलगांव में यह पद रिक्त हो गया था. इसका आदेश सार्वजनिक होते ही शिक्षा विभाग में खलबली मच गई है. खास तौर पर सहायक शिक्षक में यह पद हासिल करने की होड़ लग गई थी. सहायक शिक्षकओ ने इसके लिए संबंधित अधिकारियों और नेताओं के घरों की दौड़ लगानी शुरु कर दी थी.
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वहीं सहायक शिक्षक महेश यादव ने किसी तरह यह पद हासिल कर लिया. इसे लेकर एक बार फिर शहर में चर्चा का दौर शुरु हो गया है और नियमों को ताक पर रखकर जोड़-तोड़ के कयास लगाए जाने लगे हैं. गौरतलब है कि राज्य शासन के नियमानुसार अन्य पदों की तरह मंडल संयोजक के पद पर भी सहायक शिक्षक को नियुक्ति का पात्र नहीं माना गया है. सहायक शिक्षक को शिक्षकीय कार्य के लिए सर्वाधिक उपयुक्त माना जाता है और इस नजरिए से उन्हें सिर्फ शिक्षकीय काम में ही लगाने का नियम बनाया गया है. लेकिन विडंबना यह है कि सहायक शिक्षक को शिक्षकीय कार्य से ज्यादा दिलचस्पी दुसरे पदों को हासिल करने में होती है. खास तौर पर पत्थलगांव विकासखंड इसके लिए चर्चित रहा है. यहां से कई सहायक शिक्षकओ ने शिक्षकीय कार्य छोड़कर अन्य पदों पर नियुक्ति हासिल की है.
सहायक शिक्षक महेश यादव ने जोड़-तोड़ या या दुसरे जरिए से नियुक्तियां हासिल कर ली है. शासन के नियमानुसार मंडल संयोजक के पद पर नियुक्ति की पात्रता सिर्फ माध्यमिक स्कूल के प्रधानपाठक या शिक्षको को ही होती है. लेकिन प्रधानपाठकों और शिक्षको को छोड़कर सहायक शिक्षक महेश यादव की नियुक्ति कर दिए जाने को लेकर विवाद होता नज़र आ रहा है. जिसके बाद भी इन सहायक शिक्षक को इनके अतिरिक्त पदों से हटाकर शिक्षकीय कार्य में नही लगाया जा रहा है. इस बार भी पद खाली होने की भनक लगते ही इन्हीं सहायक शिक्षक महेश यादव ने एक बार फिर जोड़-तोड़ के प्रयास से इस पद को हासिल कर लिया है. बताया जाता है कि कुछ सहायता शिक्षक जशपुर में अधिकारियों और नेताओं के घरों तक पहुंच बनाने का प्रयास करने लगे थे.
जानकारों का कहना है कि प्रशासन को इस पद पर नियुक्ति करते समय शासन के नियमों का खास ध्यान रखना चाहिए. जिसके मुताबिक इस पद पर सहायक शिक्षक की नियुक्ति नहीं हो सकती. उनका कहना है कि नियमों को ताक पर रखकर अगर सहायक शिक्षक को इस पद पर नियुक्त किया जाता है तो एक बार फिर से इसके विवादों में घिरने की संभावना है. साथ ही बता दें कि सहायक शिक्षक होते हुए पूर्व में संकुल समन्वयक का कार्य भी संभाल रहे थे जिसमे भी कई बार विवादों में घिरे थे लेकिन अधिकारियो के साथ साठ-गाँठ कर मामले को दबा दिया जाता था. बहरहाल अब देखने वाली बात होगी कि क्या जिला प्रशासन या शिक्षा विभाग इस पर किस तरह की कि कार्यवाही करती नजर आएगी.
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