कैथल, रसूलपुर : डॉक्टर अगर किसी की जिंदगी बचा सकता है तो इलाज के दौरान लापरवाही बरतने के कारण किसी की जान ले भी सकता है. ऐसा ही मामला कैथल से सामने आया है. जहां एक निजी हॉस्पिटल के डॉक्टर द्वारा इलाज के दौरान बरती गई लापरवाही एक महिला पर भारी पड़ गई.
मिली जानकारी के मुताबिक 2 अगस्त को गांव करोड़ा निवासी अंजलि को कैथल के करनाल रोड स्थित निजी मदद अस्पताल में उसकी डिलीवरी करवाने के लिए लाया गया था. जब महिला की डिलीवरी हुई तो उन्होंने प्राइवेट पार्ट में कट लगाकर उसके अंदर रोई लगा दी थी. जिसको वह निकालना भूल गए. उसके बाद महिला को जब कई दिनों तक तकलीफ कम नही हुई तो पीड़िता ने अपने पति को इस बारे में बताया. उसके बाद परिजन महिला को कई बार हॉस्पिटल में दिखाने के लिए आते रहे और डॉक्टरों महिला को बिल्कुल ठीक बता कर वापिस भेजते रहे.
जब महिला को ज्यादा दिक्कत आने लगी तो परिजन उसको किसी अन्य निजी अस्पताल में ले गए और वहां पर इलाज के दौरान डॉक्टर ने देखा कि पीड़ित महिला के प्राइवेट पार्ट में डॉक्टर ने भरते हुए रोई अंदर ही छोड़ दी थी. जिसको इलाज के दौरान अब निकाल दिया गया है.
परिजनों ने प्रशासन से अपील की है कि ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि और लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ ना हो. परिजनों ने कहा कि वह अभी शिकायत देकर डॉक्टर द्वारा बरती गई लापरवाही के खिलाफ मामला दर्ज भी करवाएंगे.
इस मामले को लेकर जब हॉस्पिटल के डॉक्टर एसपी सिंह से बात की गई तो पहले उन्होंने डिलीवरी हॉस्पिटल में होने की बात से ही इन्कार कर दिया. जब परिजनों द्वारा उनको डिस्चार्ज स्लिप दिखाई गई तो उन्होंने परिजनों द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को झूठा बताया. फिलहाल डॉक्टर द्वारा बरती गई लापरवाही के कारण जच्चा और बच्चा दोनों जिंदगी और मौत की लड़ाई से जूझ रहे हैं. वहीं डॉ अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है. परिजनों का कहना है कि प्रशासन को ऐसे लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए.