बिलासपुर : बिलासपुर सहित कई और जिलों में रेल्वे में नौकरी और टेंडर दिलाने के नाम पर लोगो से लाखो रुपये की धोखाधड़ी करने वाले रेलवे के रिजर्वेशन सुपरवाइजर शातिर ठग को अदालत ने तीन साल की सजा सुनाई है.
आरोपी रेल्वे कर्मचारी का नाम आशीष पात्रो है जो कि रेलवे में रिजर्वेशन सुपरवाइजर के पद पर आसीन था और ड्यूटी के सिलसिले में इसका लगातार बिलासपुर के जीएम ऑफिस और डीआरएम ऑफिस में आना जाना और अधिकारियों से मिलना लगा रहता था. इसी जान पहचान और अपने पद का फायदा उठाते हुए इस खातिर बदमाश ने भोले भाले और गरीब लोगो को अपने झांसे में लिया और लोगो से लाखो रुपये की ठगी की थी.
हेमूनगर में रहने वाला भारत यादव रेलवे ठेकेदार सतीश सिंह के साथ 2016 से सफाई का काम कर रहा था. रेलवे के कंस्ट्रक्शन कॉलोनी में क्वार्टर की सफाई के दौरान उसकी पहचान आशीष पात्रो से हुई जो रेलवे में रिजर्वेशन सुपरवाइजर था और उस समय डीआरएम और जीएम ऑफिस में काम करता था. भरत यादव के साथ उसके ही मोहल्ले में रहने वाला उसका मित्र प्रकाश यादव भी सफाई कर्मचारी था. दोनों को आशीष पात्रो ने रेलवे में चतुर्थ श्रेणी चपरासी के पद पर नौकरी लगने का झांसा दिया और पांच लाख रुपए की मांग की. अपने सुनहरे और सुरक्षित भविष्य की आशा में दोनों ने ही अपने घर वालों को मनाया और रेगुलर नौकरी की उम्मीद में घर वालों ने भी जीवन भर की जमा पूंजी इनके हाथ दे दी. भरत ने किस्तों में आशीष को चार लाख ₹50000 और प्रकाश ने भी किसी तरह 3 लाख 40,000 रु आशीष पात्रो को दिए. बाकी रकम नौकरी लगने के बाद देने की बात तय हुई, लेकिन ना तो नौकरी लगनी थी और ना उन्हें लगी. और ना ही आशीष पात्रो ने इन्हें रकम लौटाई,
बिलासपुर के कई सिविल लाइन, तारबहार तोरवा सहित दूसरे जिले में कई मामले दर्ज हैं. और आरोपी के खिलाफ अदालत में भी कई संगीन मामले विचाराधीन है. रेलवे की नौकरी की आस में सफाई कर्मचारियों ने अपनी जिंदगी भर की जमा पूंजी इस ठग के हवाले कर दिया. यहां तक कि एक पीड़ित ने बताया कि उसने इस शातिर रेल कर्मचारी पर भरोसा कर अपनी बहन को शादी के लिए जमा किए लाखो रुपये भी इसके हवाले कर दिया था.
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