Monday, April 29, 2024
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हिमाचल प्रदेश के आपदा पीड़ितों के लिए छत्तीसगढ़ वासियों की तरफ से 11 करोड़ रुपये की मदद, मुख्यमंत्री बघेल ने की घोषणा

रायपुर : हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से हुए नुकसान के मद्देनज़र राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश को ‘प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्र’ घोषित किया है. हिमाचल में मॉनसून ने इस बार भारी तबाही मचाई है और प्रदेश में जानमाल का भी काफी नुकसान हुआ है.

मिली जानकारी के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में 10,000 करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है. शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने बताया था कि हिमाचल प्रदेश की सरकार ने राज्य आपदा घोषित करने फैसला लिया है.

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने देवभूमि हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन से आई विपदा की स्थिति में पीड़ित लोगों की मदद के लिए छत्तीसगढ़वासियों की तरफ से 11 करोड़ रुपये की सहायता राशि की घोषणा की है. मुख्यमंत्री भूपेश ने कहा कि हिमाचल में भीषण प्राकृतिक विपदा आई है. ऐसे में हम सभी छत्तीसगढ़वासी हिमाचल के लोगों के साथ खड़े है.

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कल ही हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से फोन पर चर्चा की थी और हिमाचल प्रदेश के हालात की जानकारी ली थी. मुख्यमंत्री ने उनसे कहा कि पूरा देश हिमाचल प्रदेश के लोगों के साथ खड़ा है. हम सब सामूहिक एकजुटता के साथ आपदा का सामना करेंगे और सामान्य स्थिति की बहाली के लिए काम करेंगे.

केंद्रीय टीम द्वारा हिमाचल प्रदेश में बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया जा चुका है और ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि भारत सरकार हिमाचल की मदद करेगी. मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से आपदा की इस घड़ी में प्रदेश को सहायता प्रदान करने का आग्रह किया है ताकि प्रदेश में जन-जीवन को पटरी पर लाते हुए सामान्य व्यवस्था बनाने संबंधी गतिविधियों में और तेजी लाई जा सके.
सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में इतनी बड़ी आपदा आई है लेकिन चारों सांसद आपदा में भी राजनीति कर रहे हैं. संसद के सत्र में प्रदेश के सांसदों ने सदन में सरकार से सवाल तक नहीं पूछा कि राज्य को राहत राशि कब और कितनी दी जा रही है. चारों सांसदों का डेपुटेशन पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात तक करने नहीं गया कि हिमाचल को जल्द अंतरिम राहत जारी की जाए. चारों सांसद सिर्फ सत्ता सुख भोग रहे हैं. जिन लोगों ने उन्हें चुना उनकी कोई परवाह नहीं है.
अभी तक राज्य में 12 हजार से अधिक घर क्षतिग्रस्त हुए हैं और 330 लोगों की बहुमूल्य जान चली गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कृषि और बागवानी को भी भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि राज्य में संचार व्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. राज्य में जन-जीवन अस्त-व्यस्त हुआ है और व्यावसायिक गतिविधियां भी आपदा से अछूती नहीं रही हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश के कई क्षेत्रों में लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है. खतरे के दृष्टिगत बहुत से लोगों को उनके घरों से सुरक्षित निकालकर दूसरे स्थानों पर पहुंचाया गया है.

रिपोर्ट के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में कुल 506 सड़कें, 3 नेशनल हाईवे यातायात के लिए बाधित हैं. जिनमें से बिलासपुर में 9, चंबा में 16, हमीरपुर में 18, कांगड़ा में 7, किन्नौर में तीन, कुल्लू में 69, मंडी में 264, शिमला में 63, सिरमौर में चार, और सोलन में 52 सड़कें यातायात के लिए अभी भी बंद हैं.

वहीं दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश में 408 ट्रांसफार्मर प्रभावित है और 149 वाटर सप्लाई की स्कीम भी प्रभावित है. इस दौरान राज्य में आई आपदा को लेकर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने मदद की है.

प्रदेश में जनजीवन अस्तव्यस्त हुआ है और व्यावसायिक गतिविधियां भी आपदा से अछूती नहीं रही हैं. प्रदेश के कई क्षेत्रों में लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है. खतरे के दृष्टिगत बहुत से लोगों को उनके घरों से सुरक्षित निकालकर दूसरे स्थानों पर पहुंचाया गया है.

हिमाचल प्रदेश कुदरत के कहर से सिसक रहा है. राज्य के ज्यादातर जिले भारी बारिश और भूस्खलन से परेशान हैं. इस पहाड़ी राज्य के 6 जिले इस प्राकृतिक आपदा से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. सबसे ज्यादा खतरा शिमला शहर पर मंडरा रहा है. शिमला शहर में कई जगहों पर लैंडस्लाइड की आशंका बनी हुई है.

इस बीच प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव का काम जारी है. राजधानी शिमला में भूस्खलन से प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ की टीम राहत और बचाव के कामों में जुटी हुई है.

शिमला जैसे खूबसूरत शहर में खौफ पसरा हुआ है. पिछले करीब 5 दिनों में प्राकृतिक आपदा में 74 लोगों की मौत हो चुकी है. शिमला में ही तीन जगहों समर हिल में स्थित शिव मंदिर और फागली और कृष्णनगर में हुए भूस्खलन की वजह से 21 लोगों की मौत हुई है. समर हिल से 14 शव, फागली से पांच शव और कृष्णा नगर से दो शव बरामद किए गए हैं. शिव मंदिर के मलबे में अब भी आठ लोगों के दबे होने की आशंका है. वहीं 24 जून से अब तक कई प्राकृतिक आपदाओं में 330 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.

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