मध्य प्रदेश के ग्वालियर में 2 पत्नियों के बीच एक पति का बंटवारा चर्चा में आ गया है. एक पति की दो पत्नियां, पति एक पत्नी के साथ 3 दिन रहेगा, जबकि अगले 3 दिन दूसरी पत्नी के साथ रहेगा. रविवार को पति की छुट्टी रहेगी और वो जिस भी बीवी के साथ चाहे रह सकता है. सुनकर आप चौंक गये न? ये कहानी नहीं हकीकत है. मध्य प्रदेश के ग्वालियर में पति का इसी तरह बंटवारा हुआ है. इतना ही नहीं उनकी सैलरी भी आपस में बांट ली गई है.
मामला ग्वालियर का है. बताया जाता है कि यहां रहने वाला एक युवक हरियाणा की एक मल्टीनेशनल कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर काम करता है. उन्होंने साल 2018 में शादी की थी. इसके बाद 2020 में देश भर में लॉकडाउन हो गया. इंजीनियर अपनी पत्नी को मामा के घर ग्वालियर में छोड़कर वापस वर्क फ्रॉम होम के चलते हरियाणा आ गया. और कुछ दिन रहने के बाद ही वापस गुरुग्राम चला गया. लेकिन पत्नी और बच्चे को मायके में छोड़ गया. फिर हालात सामान्य होने पर भी वह पत्नी-बेटे को लेने नहीं आया.
बताया जाता है कि इसी दौरान उसके साथ ऑफिस में काम करने वाली एक लड़की से अफेयर हो गया. दोनों पहले लिव-इन रिलेशनशिप में रहे और फिर उन्होंने चुपचाप शादी भी रचा ली. उसकी दूसरी पत्नी ने एक लड़की को भी जन्म दे दिया.
युवक की पत्नी का आरोप है कि वह ग्वालियर नहीं आ रहा है और अपना खर्चा भी नहीं दे रहा है. ग्वालियर से उसकी पत्नी गुरुग्राम आ धमकी. सारा माजरा देख कर महिला ने ग्वालियर के फैमिली कोर्ट की शरण ली. कोर्ट ने पति-पत्नी की काउंसिलिंग के आदेश दिए. जहां बात साफ़ हो गई कि युवक ने हरियाणा की एक लड़की से शादी भी कर ली है.
काउंसलर हरीश दीवाने ने दंपति को समझाया. इस पर सभी पक्षों ने बैठकर बात की. पति को विभाजित करने का निर्णय लिया गया. इस पर सभी पक्ष इस बात पर सहमत हो गए कि पति सप्ताह के पहले तीन दिन पहली पत्नी उम्र 28 साल के साथ रहेगा. वह अगले तीन दिनों तक अपनी दूसरी पत्नी के साथ रहा. जब पति रविवार को छुट्टी पर होता है. वह जिसके साथ रहना चाहे, उसके साथ रह सकता है.
काउंसलर हरीश दीवन ने दोनों पक्षों को बताया कि कोर्ट केस चलने से तीनों को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा. पहली पत्नी को कांउसलर ने बताया कि कोर्ट भरण-पोषण के लिए केवल 7 से 8 हजार रुपए हर महीने मिलेगा. इसके साथ ही अगर पति के खिलाफ केस दर्ज होता है तो उसकी नौकरी भी जा सकती है. इसके साथ ही पहली पत्नी को तलाक दिए बिना दूसरी शादी को मान्यता नहीं मिल सकती है. इस फैसलों को तीनों लोगों ने स्वीकार कर लिया। पति ने दोनों पत्नियों के लिए अलग-अलग फ्लैट दे दिया है.
अदालत के बाहर हुई काउंसलिंग में पति और पत्नियों के बीच यह अनोखा करार हुआ. मामला ग्वालियर समेत पूरे मध्य प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है. काउंसलर हरीश दीवान ने बताया है कि इस निर्णय के बाद दोनों पत्नी और पति बेहद खुश है. दोनों का भरण पोषण वह खुद करेगा.