इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) से जुड़े छत्तीसगढ़ के प्राइवेट अस्पतालों का करीब 800 करोड़ रुपए बकाया है. इसे लेकर रायपुर IMA की आम सभा में डॉक्टरों ने आयुष्मान (Ayushman) स्वास्थ्य योजना के भुगतान को लेकर नाराजगी जताई. इसके साथ ही योजना के तहत काम बंद करने की चेतावनी दी है.
शासन से भुगतान नहीं मिलने को लेकर मंगलवार को डॉक्टरों ने बैठक की. उनका कहना है कि भुगतान रुकने की हालत में इलाज करना मुश्किल हो रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि IMA मेंबर प्रदेश की दूसरी शाखाओं से भी बातचीत करेंगे. ताकि वित्तीय प्रबंधन के अभाव में काम को बंद या सीमित करने पर विचार किया जा सके.
हॉस्पिटल बोर्ड IMA रायपुर के अध्यक्ष डॉ अनिल जैन और महासचिव डॉ दिग्विजय सिंह ने कहा कि IMA रायपुर के पदाधिकारी पिछले 4 महीने में स्वास्थ्य मंत्री से दो बार और ACS रेणु पिल्ले से मुलाकात कर रुके हुए भुगतान के बारे में बता चुके हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने जल्द ही भुगतान का आश्वासन दिया था. लेकिन प्रयास तेज नहीं किया गया. पिछले नवंबर से आयुष्मान योजना के तहत अस्पतालों का भुगतान नहीं हो पा रहा है.
IMA रायपुर के अध्यक्ष डॉ राकेश गुप्ता ने कहा कि पिछले नवंबर से आयुष्मान योजना के तहत अस्पतालों का भुगतान नहीं हो पा रहा है. आयुष्मान योजना की गाइडलाइन में डेढ़ से दो महीने के बाद भुगतान का प्रावधान है. लेकिन 6 महीने से भुगतान लंबित होने की वजह से छोटे अस्पताल काम नहीं कर पा रहे हैं.
हरियाणा और गुजरात की प्राइवेट अस्पतालों ने अनियमित भुगतान की परेशानी की वजह से आयुष्मान योजना से मरीजों का इलाज पूरी तरह से बंद कर दिया है. योजना में आ रही मुश्किलों को लेकर अब डॉक्टरों का एक प्रतिनिधिमंडल अधिकारियों से मिलेगा. इस पर जल्द फैसला नहीं होता, तो छत्तीसगढ़ में भी IMA बड़ा फैसला ले सकता है.
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