Monday, May 13, 2024
Homeराज्यछत्तीसगढ़युवा कांग्रेस ने हसदेव वनक्षेत्र में जंगलों की कटाई के विरोध में...

युवा कांग्रेस ने हसदेव वनक्षेत्र में जंगलों की कटाई के विरोध में चलाया हस्ताक्षर अभियान, कटाई पर तत्काल रोक की मांग, जंगल कटने से सबका नुक़सान

रायपुर : छत्तीसगढ़ प्रदेश युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव अभिषेक कसार के नेतृत्व में हसदेव वनक्षेत्र में जंगलों की अंधाधुंध कटाई के विरोध में छत्तीसगढ़ प्रदेश युवा कांग्रेस द्वारा तेलीबांधा तालाब रायपुर में हस्ताक्षर अभियान चलाया गया. इस दौरान मौके पर मौजूद रायपुर वासियों ने हस्ताक्षर अभियान में भाग लिया.

छत्तीसगढ़ युवा कांग्रेस के सहप्रभारी संगठन एवं प्रदेश सचिव अभिषेक कसार ने कहा कि, भारतीय जनता पार्टी की छत्तीसगढ़ में सरकार बनते साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विष्णुदेव साय के संरक्षण में अडानी द्वारा हसदेव के जंगलों की कटाई कर रहें हैं. हज़ारों पेड़ काटे जा चुके हैं. हसदेव को बचाने के लिए आंदोलन कर रहे आदिवासियों को डरा धमका कर विष्णुदेव साय की पुलिस जेल में बंद कर रही है.

अभिषेक कसार ने कहा कि, युवा कांग्रेस मांग करती है हसदेव के जंगलों की कटाई पर तत्काल रोक लगायी जाएं अन्यथा इसके विरोध में उग्र आंदोलन किया जायेगा. आज तेलीबांधा तालाब में हस्ताक्षर अभियान कार्यक्रम में प्रदेश सचिव जितेन्द्र बारले, प्रदेश सचिव फ़हीम शेख, प्रदेश सचिव मनहरण वर्मा, ज़िला उपाध्यक्ष प्रियंका उपाध्याय, उत्तर विधानसभा कार्यकारी अध्यक्ष नवाज़ खान, दक्षिण विधानसभा महासचिव राज़िक रज़ा, उत्तर विधानसभा महासचिव अब्दुल मलिक ख़ान, ब्लॉक अध्यक्ष भूपेन्द्र जलक्षत्री, सृजन तिवारी, कुशाग्र सोलंकी मौजूद थे.

जंगल कटने से सबका नुक़सान, गरियाबंद ज़िला मुख्यालय पहुंच आदिवासियों ने की अपील

गरियाबंद : हसदेव के जंगलों को बचाने को लेकर आज आदिवासी समाज ने विशाल रैली निकाली, रैली तिरंगा चौक होते हुए सैकडो आदिवासी समाज के लोग कलेक्ट्रेट पहुँचे जहां वे हसदेव के जंगलों की कटाई रोकने हेतु राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौपा,
उल्लेखनीय है कि हसदेव अरण्य, छत्तीसगढ़, झारखंड और उड़ीसा से लगा वो हरा-भरा जंगल है जिसे इस इलाक़े का फेफड़ा कहा जाता है। ये इलाक़ा सदियों से रहने वाले आदिवासियों का घर है और इसी को बचाने की गुहार लिए ‘हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति’ से जुड़े उमेश्वर सिंह आरमो गरियाबंद ज़िला मुख्यालय पहुंचे, वे बताते हैं, “हसदेव का जंगलों में रहने वाले आदिवासी बहुल है.

वहां पशुपालन, कृषि, लघु उद्योग सब होता है और जो खनन कार्य हो रहा है उसमें सारे जंगल को हटाया जाएगा, मिट्टी को पलटा जाएगा और कोयला निकाला जाएगा जिसकी वजह से जो हमारे लघु उद्योग हैं वो पूरी तरह से समाप्त हो जाएंगे और उसपर आश्रित हमारे लोगों पर प्रभाव पड़ेगा, हमारे जंगल में जड़ी-बूटियां हैं और बहुत से परिवार हर दिन होने वाले कार्यों में इनका इस्तेमाल करते हैं और जंगल हटने वो सब ख़त्म हो जाएगा।” वे आगे बताते हैं कि “जंगल से निकलने वाले छोटे-छोटे बारहमासी नाले हैं उससे होने वाली खेती है जंगल कटने से छोटे-छोटे नाले ख़त्म हो जाएंगे, ये नाले आगे जाकर हसदेव नदी में मिलते हैं, वो ख़त्म हो जाएगा, तो ये वो तमाम नुकसान हैं जो सीधे तौर पर आदिवासियों को होंगे.

उन्होंने कहा, “हमारी जानकारी के मुताबिक हम 300 सालों से उस क्षेत्र में रह रहे हैं, अगर जंगल कटता है तो विस्थापन होगा और विस्थापित होने के बाद एक आदिवासी जो जंगल से जुड़ा है उसे दोबारा वैसा ही माहौल मिलना बहुत मुश्किल है, ख़ासकर महिलाओं के लिए, जो जंगलों से जुड़े काम करती हैं वो नहीं कर पाएंगी।” “ये लड़ाई सिर्फ हमारी नहीं है, पर्यावरण बर्बाद होगा तो सभी को भुगतना होगा” “हम गरियाबंद आए हैं हसदेव का संघर्ष साझा करने जिसके लिए हम लड़ रहे हैं। हम बताने आए हैं कि हसदेव में जो कोयला है वो पूरे देश में पाए जाने वाले कोयले का कुछ प्रतिशत है, उसे छोड़कर वहां से कोयला निकाल लें जहां कम से कम नुकसान हो तो वो बेहतर होगा, इतना समृद्ध जंगल जिसे आप ख़त्म कर रहे हैं उससे बहुत नुकसान हो जाएगा और उससे मानव और जीव- जंतुओं का नुकसान होगा। ये लड़ाई सिर्फ हमारी नहीं है। अगर इसका ध्यान नहीं रखा गया तो आगे चलकर सबका नुकसान होगा पर्यावरण बर्बाद होगा जिसे सभी को भुगतना होगा.

खत्म होते जल जंगल जमीन के खिलाफ ग्रामीणों का सम्मेलन

रायगढ़। रायगढ़ के तहसील तमनार के ग्राम पंचायत गारें में आज खमरिया जनसुनवाई में हुए जनसुनवाई में हुए लाठीचार्ज के बिरोध मानव अधिकार आयोग कोयला सत्याग्रह तमनार जनचेतना रायगढ़ के सहयोग से सम्मेलन किया गया जिसमें सबसे पहले पर्यावरणविद श्री श्रीधर को श्रद्धांजली अर्पित कर कार्यक्रम की शुरूआत की गई। इसके बाद मिथिलेश डांगी द्वारा प्राकृतिक संसाधन की लूट को लेकर बात रखी गई फिर हरिहर पटेल द्धारा तमनार क्षेत्र हो रहे कोयला खनन से हो रही समस्या और हो रहे पर्यावरण के नुकसान को लेकर बात रखी गई इसके बाद राजेश त्रिपाठी जनचेतना रायगढ़ द्वारा खनन से हो रहे पर्यावरण को नुक्सान एंव पांचवीं अनुसूची क्षेत्र घोषित होने के बाद ग्राम सभा की हो रही अनदेखी वन अधिकार कानूनों के उल्लंघन पर्यावरण से पड़ रहे स्वास्थ प्रभाव बढ़ रहे सडक़ दुर्घटनाओं में हो रही मौत के मुद्दे पर बात रखी गई।
सविता रथ जनचेतना रायगढ़ द्वारा पर्यावरण के होने से क्षेत्र में महिलाओं और बच्चों पर पड़ रहे प्रभाव पर अपनी बात रखा गया आज के सम्मेलन में मिथिलेश डागी भारखंड हरिहर पटेल सरास्वती पटनायक राजेश त्रिपाठी जन चेतना रायगढ़ सविता रथ बंशी पटेल पेलमा शिव पटेल राजेश गुप्ता पदनाभ प्रधान अमृत भगत श्याम राठिया रामेश्वर समर्थ अनिल अग्रवाल बाबूलाल राठिया दयानंद पटनायक कृष्णा साव एंव 10 गांव के ग्रामीण महिलाएं पुरूष शामिल हुए आज के मंच संचालन उमा बोहिदार ने किया.

Most Popular

error: Content is protected !!