Monday, April 29, 2024
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शिमला में शिव मंदिर के मलबे से एक और शव बरामद, अब तक 78 की मौत, भाजपा सांसदों व नेता प्रतिपक्ष पर बरसे CM सुखविंदर सिंह

शिमला : हिमाचल प्रदेश के शिमला में शिव मंदिर के मलबे से एक और शव बरामद होने के बाद राज्य में बारिश से जुड़ी घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या शनिवार को बढ़कर 78 हो गई. अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय मौसम विभाग ने अगले दो दिनों के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है. मृतक की पहचान ईश शर्मा उम्र 28 साल के रूप में हुई है जबकि उनके पिता का शव बृहस्पतिवार को बरामद हुआ था. जो हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में गणित विभाग के अध्यक्ष थे.
प्रदेश में रविवार रात से हुई 78 मौतों से 24 मौत अकेले शिमला में तीन बड़े भूस्खलनों में हुई है. इसमें से 17 लोगों की मौत समर हिल के शिव मंदिर में हुई. वहीं, फागली में पांच लोगों जबकि कृष्णानगर में दो लोगों की की जान चली गई. राष्ट्रीय एवं राज्य आपदा मोचन बल, पुलिस और होम गार्ड द्वारा चलाए जा रहे संयुक्त अभियान में भूस्खलन के मलबे से शवों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है. मंदिर के मलबे में कम से कम तीन लोगों के अब भी दबे होने की आशंका है.

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शिमला में उच्च खतरे वाले क्षेत्रों की पहचान करने और भूस्खलन संभावित स्थानों की निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है. स्थानीय मौसम कार्यालय ने 20 एवं 21 अगस्त के लिए भारी से बहुत भारी बारिश के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है. जबकि 22 एवं 23 अगस्त के लिए भारी बारिश को लेकर ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है. मौसम कार्यालय ने चेतावनी दी है कि शिमला, सिरमौर और चंबा जिलों में अचानक बाढ़ आने का खतरा है.
मौसम विभाग ने चेतावनी दी कि भारी बारिश के कारण भूस्खलन, अचानक बाढ़ और नदियों तथा नालों में जलस्तर में बढ़ोतरी हो सकती है. इसके अलावा, फसलों को नुकसान पहुंच सकता है. बेहद खराब मौसम कि स्थिति के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया जाता है. जिसमें यातायात और बिजली सेवा बाधित होने के साथ जीवन को भी खतरा हो सकता है. वहीं, अत्यधिक खराब मौसम का संकेत देने के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया जाता है. जिसमें सड़क मार्ग से आवाजाही बाधित होने के साथ बिजली आपूर्ति में रुकावट आ सकती है.

हिमाचल प्रदेश सरकार ने भारी बारिश से हुई मानव जीवन की हानि और संपत्तियों को हुए व्यापक नुकसान को देखते हुए राज्य को शुक्रवार को ‘प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्र’ घोषित कर दिया था. हिमाचल प्रदेश में 24 जून को हुई मानसून की शुरुआत के बाद से बारिश से संबंधित घटनाओं में 221 लोगों की मौत हो गई है और 11,600 घरों को पूर्ण या आंशिक रूप से क्षति पहुंची है. राज्य में अभी भी 560 सड़कें अवरुद्ध हैं और 253 ट्रांसफार्मर तथा 107 जल आपूर्ति योजनाएं बाधित हैं.

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भाजपा सांसदों व नेता प्रतिपक्ष पर बरसे CM सुखविंदर सिंह

दिल्ली दौरे पर गए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने हिमाचली सांसदों को लेकर दिए गए अपने बयान पर सफाई दी है. मुख्यमंत्री ने दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्होंने यह टिप्पणी भाजपा सांसदों को लेकर की है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर आई इतनी बड़ी प्राकृतिक आपदा के बीच भाजपा सांसदों ने क्यों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर मदद नहीं मांगी. उन्होंने कहा कि आपदा के बीच सांसद प्रतिभा सिंह ने अपने दायित्व को बखूबी निभाया जबकि भाजपा सांसदों ने संसद में भी मामले को नहीं उठाया. उन्होंने कहा कि प्रदेश के दौरे पर आई केंद्रीय टीम ने केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट दे दी होगी. ऐसे में अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विशेष राहत पैकेज की उम्मीद है.

सीएम ने नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर आपदा के समय राजनीतिक बयानबाजी करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष यह बताएं कि कौन-सा ऐसा विभाग है. जो बादल फटने की जानकारी देता है. उन्होंने कहा कि वह आपदा के समय किसी तरह की राजनीति नहीं करना चाहते. लेकिन विपक्ष को विधानसभा सत्र में जवाब जरूर देंगे. उन्होंने कहा कि किसान-बागवानों की फसलों व सेब को मंडियों तक पहुंचाना सरकार का फर्ज है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के समय उजड़े प्रदेश के लोगों को बसाना राज्य सरकार का दायित्व है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पूरे हिमाचल प्रदेश को प्राकृतिक आपदा क्षेत्र घोषित कर दिया है. ऐसे में प्रदेश के लोगों के अलावा दूसरे राज्य भी मदद के लिए आगे आ रहे हैं. उन्होंने आपदा के समय राजस्थान सरकार की तरफ से 15 करोड़ रुपए और छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से 11 करोड़ रुपए देने के लिए आभार जताया. उन्होंने कहा कि आपदा में प्रदेश को करीब 10 हजार करोड़ रुपए का नुक्सान है और व्यवस्था को पटरी पर लाने में 1 साल लग जाएगा.

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