Thursday, May 16, 2024
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चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर की लैंडिंग का हर पल, यहां देख पाएंगे Live, रूस का मून मिशन फेल, लूना-25 चंद्रमा पर हुआ क्रैश

Chandrayaan-3 चांद पर लैंडिंग के लिए तैयार है. उसके बाद गया रूस का लूना-25 सतह पर लैंडिंग से पहले ही क्रैश हो गया. रूस का सपना चकनाचूर हो गया. लेकिन पूरी उम्मीद है कि अपना चंद्रयान-3 इस बार कामयाबी जरूर हासिल करेगा. इसरो वैज्ञानिकों ने इसके लिए पांच साल लगातार कड़ी मेहनत की है.

अगर आप बेंगलुरु के मिशन कंट्रोल सेंटर नहीं जा सकते. तो आप चंद्रयान-3 की चांद पर लैंडिंग कैसे देखेंगे? ISRO ने खुद ही इस परेशानी का हल निकाल दिया है.

आप नीचे दिए गए लिंक्स पर क्लिक करके लाइव देख सकते हैं. लाइव प्रसारण 23 अगस्त 2023 की शाम 5 बजकर 27 मिनट से शुरू होगा.

ISRO की वेबसाइट…  isro.gov.in
YouTube पर… youtube.com/watch?v=DLA_64yz8Ss
Facebook पर… Facebook https://facebook.com/ISRO
या फिर डीडी नेशनल टीवी चैनल पर

इतना ही नही… ISRO ने एक संदेश भी भेजा है देश के लोगों के लिए… 

लिखा है… अंतरिक्ष में खोज करने की हमारी लालसा अब एक मील के पत्थर तक पहुंच गई है. इसमें Chandrayaan-3 का बहुत बड़ा योगदान है. हम अब इसकी सफल सॉफ्ट लैंडिंग की उम्मीद करते हैं. हम लैंडिग की सफलता को लेकर सकारात्मक है. इसकी सफलता से भारतीय विज्ञान, इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा. यह राष्ट्र को स्पेस एक्सप्लोरेशन के मामले में आगे लेकर जाएगा.

23 अगस्त को चंद्रयान-3 की लैंडिंग की तैयारी है. पूरा देश और दुनिया इसका इंतजार कर रहा है. इसरो इसे कई प्लेटफॉर्म पर लाइव दिखाएगा. लाइव शो 23 अगस्त 2023 की शाम 17:27 बजे शुरू होगी. आप इसे इसरो की वेबसाइट, इसरो के यूट्यूब चैनल, इसरो के फेसबुक पेज या फिर डीडी नेशनल टीवी पर देख सकते हैं.

Chandrayaan-3 इसरो का चंद्रमा पर तीसरा चंद्र मिशन है, जो chandrayaan-2 की असफल सॉफ्ट लैंडिंग के बाद दूसरा प्रयास है. वर्ष 2008 में इसरो ने चंद्रयान, चांद की कक्षा में भेजा था जो चांद की कक्षा में चक्कर लगा रहा था. लेकिन अब चांद की सतह पर उतरने के लिए चंद्रयान-3 भेजा गया है.

  • चंद्रयान 3 को LVM3-4M रॉकेट से प्रक्षेपित किया गया है.
  • चंद्रयान 3 का वजन 3900 किलोग्राम है.
  • चंद्रयान 3 को 14 जुलाई 2023 को इसरो द्वारा लॉन्च किया गया था.
  • चंद्रयान 3 का मिशन 1 लुनार दिवस के लिए लॉन्च किया गया है. (1 लुनार दिवस 14 पृथ्वी दिनों के बराबर होता है.)
  • चंद्रयान 3 में विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर मून की सतह पर लैंड करेंगे.

Chandrayan 3 कब लैंड होगा?

इसरो ने 23 अगस्त 2023 को चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग का दिन बताया है. इसरो के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक चंद्रयान 3, 23 अगस्त 2023 को शाम 06:04 बजे सॉफ्ट लैंडिंग करेगा. चंद्रयान 3 का विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा.

चंद्रयान 3 के लैंडर विक्रम द्वारा सॉफ्ट लैंडिंग करने के बाद रोवर प्रज्ञान मून की सतह पर एक्सप्लोरेशन के लिए विक्रम लैंडर से निकल कर कई प्रयोग करेगा.

रूस का मून मिशन फेल

रूस का महत्वकांक्षी मून मिशन लूना-25 फेल हो गया है. रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने रविवार को बताया कि लूना-25 अंतरिक्ष यान इच्छित कक्षा की बजाय अनियंत्रित कक्षा में चले जाने के बाद चंद्रमा से टकराकर नष्ट हो गया.

रूसी स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस शनिवार को लूना को चांद के और करीब भेजने की कोशिश कर रहा था. इस दौरान कुछ ऐसा हुआ जिससे वैज्ञानिकों में मायूसी छा गई. रूसी यान में तकनीकी खराबी आ गई. लैंडर मॉड्यूल का ऑर्बिट नहीं बदला जा सका. चांद के करीब जाने में नाकामयाब हो गया.

डिवाइस का पता लगाने और उससे संपर्क करने के 19 और 20 अगस्त को किए गए सभी प्रयास विफल रहे. उपकरण एक ऑफ-डिज़ाइन कक्षा में चला गया था. इसके कारण यह चंद्रमा की सतह से टकरा गया और चंद्रमा की सतह पर इसका अस्तित्व खत्म हो गया. रोस्कोसमोस ने कहा कि एक विशेष जांच आयोग पूरे मामले की जांच करेगा.

लूना के बारे में वैज्ञानिक पता लगाने में जुटे हैं. वैज्ञानिकों को शुरुआत में चांद की मिट्टी के रासायनिक तत्वों के बारे में जानकारी मिली. शुरुआती आंकड़ों के आधार पर एजेंसी ने बताया कि लून-25 पर हो सकता है कि माइक्रोमेटेरियोरॉइट का प्रभाव पड़ा हो. माइक्रोमेटेरियोरॉइड, आमतौर पर अंतरिक्ष में बड़े पत्थरों या लोहे से टूटे हुए छोटे-छोटे कण होते हैं. ये छोटे-छोटे टुकड़े स्पेसक्राफ्ट या सैटेलाइट को नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखते हैं. इसके बड़े टुकड़े कई बार स्पेसक्राफ्ट या सैटेलाइट के क्रैश करने का भी कारण बनते हैं. किसी अंतरिक्ष यान के इंटरनल पार्ट्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं. हालांकि, रूस ने इस बारे में कुछ साफ जानकारी नहीं दी है.

लूना-25 को 21 अगस्त को चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने का टार्गेट था. उम्मीद थी कि रूस 50 साल बाद अपने इस मिशन में कामयाब होगा. यह अभी साफ नहीं है कि असल में रूसी मिशन चांद पर पहुंच पाएगा या नहीं. रूसी स्पेस एजेंसी ने अभी साफ नहीं किया है कि तय शेड्यूल के मुताबिक ही लैंडिंग की कोशिश होगी या इसमें कुछ बदलाव किया जाएगा. यह भी साफ नहीं है कि हालिया घटना लैंडिंग में बाधा बनेगी या नहीं. पिछले दिनों रूसी लूना ने चांद के सतह की तस्वीरें भी क्लिक की थी.

बता दें कि लूना-25 की टक्कर भारत (India) के चंद्रयान-3 से थी. उसे भी चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करना था. लेकिन मिशन नाकामयाब रहा. यह 47 सालों के बाद रूस का पहला मून मिशन था.

फ्रांसीसी मौसम विज्ञानी और उल्कापिंड शोधकर्ता फ्रैंक मार्चिस के अनुसार, एक सॉफ्टवेयर गड़बड़ी ने रोस्कोसमोस के सपने को चकनाचूर कर दिया. इस गड़बड़ी के कारण लूना-ग्लोब लैंडर बर्बाद हो गया. अगर उन पर यकीन किया जाए तो एक महत्वपूर्ण कक्षा समायोजन के दौरान एक अप्रत्याशित लंबे इंजन के ओवरफायर ने चंद्रमा पर इसके भाग्य को सील कर दिया. तकनीकी खराबी के बाद करीब 10 घंटे तक लूना-25 से कोई संपर्क नहीं हो सका.

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