बिलासपुर : बिलासपुर पुलिस के हाथ एक ऐसा आरोपी लगा है जो लोगों को निवेश कर भारी भरकम मुनाफे का लालच देता था और उस पैसे से आलीशान जिंदगी जी रहा था. अक्सर लोग अपनी लालच से ही धोखाधड़ी का शिकार होते हैं। जो रकम उनके पास है उसे बढ़ाने की कोशिश में वे उसे भी लुटा बैठते हैं.
बिलासपुर में भी इसी तरह का एक मामला सामने आया है. किम्स हॉस्पिटल के सामने उषा लता कंपलेक्स में कृष्ण सांई इन्वेस्टमेंट नाम की फर्जी कंपनी है. जिसका संचालन विनायक कृष्णा रात्रे नाम का युवक कर रहा था. वह खुद को शेयर मार्केट का ब्रोकर बताता है.
उसने अपने ग्राहकों को बताया कि शेयर मार्केट में निवेश करने पर उसमें भारी भरकम मुनाफा है. इस लालच में पड़कर ढेर सारे लोगों ने उसके जरिए निवेश किया. लोगों को झांसे में लेने के लिए उसने बाकायदा डॉक्यूमेंट, इकरारनामा, ऑफर स्कीम आदि भी उपलब्ध कराया.
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वह अपने ग्राहकों से कहता कि शेयर मार्केट में निवेश करने पर उन्हें हर महिना फिक्स रिटर्न मिलेगा. लोगों को झांसे में लेने के लिए उसने बाकायदा रिटर्न भी दिए और रोज एक फर्जी हैंडल से उन्हें मैसेज भी किया करता था. जिसमें रिटर्न लिखा होता था. इतना सब कुछ होने की वजह से लोग उस पर यकीन करते चले गए और बड़े पैमाने पर पैसा इन्वेस्ट किया.
कुछ लोगों ने तो बाकायदा एजेंट बनकर दुसरे लोगों, अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के पैसे भी इन्वेस्ट करा दिए. लोग ज्यादा मुनाफे की लालच में अपने खून पसीने की कमाई इस धोखेबाज के पास निवेश करते रहे और वह इन पैसों से आलीशान जिंदगी जीता रहा. सांई कृष्णा इन्वेस्टमेंट के नाम पर विनायक कृष्णा रात्रे लोगों के पैसे से थाईलैंड गोवा जैसी शहरों में गुलछर्रे उड़ाता और ग्राहकों को भी लालच देने के लिए थाईलैंड गोवा ट्रैवल का ऑफर देता.
जबकि प्रिंस चीट एंड कंपनी सरकुलेशन स्कीम वैनिंग एक्ट के तहत ऐसा करना जुर्म है. इस तरह से लोगों ने 35 से 40 करोड़ रुपए निवेश कर दिया. धोखेबाज लोगों के पैसे लेकर उन्हें दूसरे ग्राहक को रिटर्न करता. इस तरह से उसने एक बड़ा चेन बना लिया था. बताया जा रहा है कि यह फर्जी कारोबार जनवरी 2021 से चल रहा है. लेकिन फर्जी वाड़ा करने वाले विनायक कृष्णा रात्रे ने सितंबर 2023 से ग्राहकों को पैसा रिटर्न करना बंद कर दिया.
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निवेश किए गए रकम को दोगुना, चार गुना करने का लालच देकर पिछले 7- 8 महीने में ही उसने 15 से 20 करोड़ की धोखाधड़ी की है. बताया जा रहा है कि साल 2021 में जब कोरोना का भयावह समय चल रहा था तभी से उसने इस गोरख धंधे की शुरुआत की और अब तक 40 करोड़ से ज्यादा की रकम हड़प चुका है. धोखाधड़ी करने के अलावा आरोपी ने लोन भी लिया. फार्म और कंपनियां खोलने सहित कई और जगह रकम निवेश किया है.
लेकिन जब आरोपी ने निवेशकों को रिटर्न करना बंद कर दिया तो लोगों ने इसकी शिकायत पुलिस में की. जब पुलिस ने शिकायत के बाद जांच की तो पता चला कि खुद को शेयर मार्केट का ब्रोकर बताने वाले विनायक कृष्णा रात्रे के पास सिर्फ गुमास्ता लाइसेंस है. उसकी कंपनी साँई कृष्णा इन्वेस्टमेंट कहीं भी रजिस्टर नहीं थी. वह जिन ब्रोकर के लाइसेंस के आधार पर काम कर रहा था उसमें आनंद रात्रे और शानू खान का नाम था.
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जाहिर है कि लोगों ने ज्यादा मुनाफे की लालच में रातों-रात अमीर बनने का ख्वाब देखकर अपने खून पसीने की कमाई एक धोखेबाज के हवाले कर दिया. और वह उनके पैसे पर गुलछर्रे उड़ाता रहा. अब पुलिस ने उसे गिरफ्तार तो कर लिया है लेकिन उनकी रकम कितनी और कब तक वापस हो सकती है यह नहीं कहा जा सकता.
पुलिस ने भी आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि बाजार में ऐसी कोई जादू की छड़ी नहीं है जो किसी को भी रातों-रात अमीर बना दे. अलबत्ता इस तरह के हथकंडे से धोखेबाज जरुर रातों-रात अमीर बन जाते हैं. कहीं भी निवेश करने के पहले पुख्ता पड़ताल की जरुरत है. लेकिन लोगों ने ऐसा नहीं किया जिस वजह से उन्हें करोड़ों रुपए गंवाने पड़े.
पुलिस ने करोड़ो रुपए के फर्जी वाड़े के मामले में धारा 420 ,467, 468 और 471 के तहत मामला कायम करते हुए आरोपी विनायक कृष्णा रात्रे को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस को शक है कि उसके द्वारा ठगे गए लोगों की तादाद आगे और बढ़ेगी. माना कि इस मामले में धोखेबाज विनायक कृष्णा रात्रे दोषी है. लेकिन उन लोगों का भी दोष कम नहीं, जो रातों-रात अमीर बनने के चक्कर में पड़कर किसी भी स्कीम में पैसे निवेश कर देते हैं. कहते हैं लालच बुरी बला. फिर बला से भला किसका भला हुआ है ?
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