बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने कहा कि किसी लड़की का हाथ पकड़कर प्यार का इजहार करना छेड़छाड़ नहीं है.। इस मामले में हाई कोर्ट ने रिक्शा चालक को जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया है.
बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच की न्यायमूर्ति भारती डांगरे ने अपने आदेश में कहा कि पीड़िता के बयान से साफ होता है कि आरोपी का पीड़िता का यौन उत्पीड़न करने का इरादा नहीं था.
बता दें कि एक नाबालिग लड़की ने रिक्शा चालक पर उसका हाथ पकड़कर छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था. मामला 1 नवंबर 2022 का है. पीड़िता के पिता ने अपनी 17 साल की बेटी के यौन उत्पीड़न करने के प्रायस के आरोप में पुलिस में मामला दर्ज करवाया था.
पुलिस को दी गई शिकायत में पीड़िता के पिता ने बताया कि आरोपी धनराज बाबूसिंह राठौड़ ने उनकी 17 साल की बेटी का यौन उत्पीड़न करने का प्रयास किया.
उन्होंने बताया कि आरोपी उसके परिवार को जानता था क्योंकि वह उनके आसपास रहता था। आरोपी ऑटो रिक्शा चलाता है और पीड़िता कई बार अपने स्कूल और ट्यूशन सेंटर तक जाने के लिए उसी में यात्रा करती थी.
1 नवंबर 2022 को आरोपी ने नाबालिग का हाथ पकड़कर अपने प्यार का इजहार कर दिया. आरोप है कि आरोपी ने पीड़िता को अपनी बाइक पर बिठाकर घर छोड़ने की भी पेशकश की लेकिन पीड़िता किसी तरह छूटकर अपने घर पहुंची. जिसके बाद लड़की के पिता ने शिकायत दर्ज कराई.
न्यायमूर्ति भारती डांगरे ने कहा कि आरोपी का नाबालिग लड़की की लज्जा भंग करने या उसका यौन उत्पीड़न करने का कोई इरादा नहीं था और इस तरह प्रथम दृष्टया कोई मामला नहीं बनता. उन्होंने आगे कहा कि यह यौन उत्पीड़न का मामला नहीं है. आरोपी ने किसी यौन इरादे से लड़की का हाथ नहीं पकड़ा था. कोर्ट ने साफ़ किया कि किसी लड़की का हाथ पकड़ना बाल यौन संरक्षण कानून (पोक्सो) के तहत यौन उत्पीड़न के दायरे में नहीं आता. इसके साथ ही अदालत ने आरोपी की जमानत याचिका मंजूर कर ली.
न्यायमूर्ति भारती डागरे की अदालत में आरोपी के वकील रंजीत पवार ने कहा कि मेरे मुवक्कल ने लड़की के सामने सिर्फ अपने प्यार का इजहार किया था. जो सिर्फ विशुद्ध रूप से भावनाओं का प्रदर्शन था. उसका कोई कोई कामुक इरादा नहीं था. कोर्ट ने इस दलील को स्वीकार करते हुए आरोपी को जमानत दे दी.
कोर्ट ने आरोपी को जमानत देने के साथ ही चेतावनी भी दी कि वह आगे से ऐसा कोई काम नहीं करेगा वरना उसे दी गई छूट वापस ले ली जाएगी.