अंबिकापुर : प्रशासनिक समझाइश और सख्ती के बीच सूरजपुर जिले के भैयाथान क्षेत्र में 15 साल की नाबालिग लड़कीका विवाह कर दिया गया. वर और वधु पक्ष को इस बात की जानकारी थी कि कन्या की उम्र शादी के लायक नहीं है. इसलिए शादी की तय तारीख से एक दिन पहले ही बारात बुला ली गई. बालिका के वधु बनने की जानकारी लगते ही प्रशासनिक अमले में खलबली मच गई.
जांच में बाल विवाह की पुष्टि पर वधु के माता-पिता, वर के पिता के अलावा शादी को संपन्न कराने वाले पंडित और नाई के खिलाफ भी प्राथमिकी कर दी गई है. बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत यह एफआइआर नजीर बन गया है.
इसे मिसाल की तरह गांव-गांव में पेश कर बाल विवाह नहीं करने की समझाइश दी जा रही है.
सूरजपुर जिले के भैयाथान क्षेत्र की 15 साल पांच महीने की कन्या का विवाह इसी ब्लाक के एक युवक से तय किया गया था. इस पर दोनों पक्ष को समझाइश भी दी गई थी. इसके बाद भी विवाह कर दिए जाने की खबर मिलने पर प्रशासनिक टीम ने कन्या और वर पक्ष के घर जाकर जांच पड़ताल की तो बाल विवाह की पुष्टि हो गई.
पता चला कि पंडित और नाई बुलाकर बकायदा विवाह संपन्न कराया गया है. जांच में कुल पांच लोगों का नाम सामने आया. जो यह जानते थे कि कन्या अभी बालिग नहीं हैं. फिर भी उन्होंने शादी करा दिया.
इसमें वधु के माता-पिता, वर के पिता, पंडित और नाई शामिल हैं. इन पर नामजद एफआइआर किया गया है. बारात में शामिल अन्य लोगों को भी आरोपित बनाया गया है.
इन सभी के खिलाफ बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की धारा 10,11 व नौ के तहत प्राथमिकी की गई है. प्रशासनिक जांच में पता चला कि विवाह की तारीख 22 अप्रैल 2024 निर्धारित थी. कन्या के नाबालिग होने की वजह से शादी नहीं हो पाने का डर भी था. इसलिए कन्या पक्ष ने तय तारीख से एक दिन पहले ही बारात बुला लिया ताकि शादी न रुके. बकायदा पंडित और नाई से सारे अनुष्ठान संपन्न कराए गए. विवाह के अगले दिन वधु की विदाई भी कर दी गईं थी. बाल विवाह की खबर देर से प्रशासनिक अमले को मिली. उसके बाद जांच और सीधे प्राथमिकी की गई..
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