गरियाबंद। जिले के मैनपुर क्षेत्र में बीते तीन दिनों से शिक्षा व्यवस्था को लेकर हंगामा मचा हुआ है। शनिवार को जहां बड़े गोबरा के नाराज ग्रामीणों ने आदिवासी बालक आश्रम चोरी होने की शिकायत मैनपुर थाना में दर्ज करायी वही सोमवार को देहरगुड़ा में संचालित एकलव्य आवासीय विद्यालय के विस्थापन की खबर सुनकर जनप्रतिनिधि आग बबूला हो गए।
जनप्रतिनिधि नाराज
आनन-फानन में क्षेत्र के जनप्रतिनिधि एकलव्य स्कूल पहुंचे और ट्रक में सामान लोड होने से रुकवाया। मौके पर पहुंची जिला पंचायत सभापति लोकेश्वरी नेताम ने कहा कि यदि एकलव्य स्कूल का विस्थापन किया गया तो वह अपने समर्थकों के साथ उग्र आन्दोलन करेगी। मौके पर पहुंचे आदिवासी विकास विभाग के अधिकारियों के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने लंबी बैठक की। जनप्रतिनिधियों ने विभाग को देहारगुड़ा में स्कूल संचालन के लिए हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।
अधिकारियों का आश्वासन
मौके पर पहुंचे आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त बीके सुखदेवे ने बताया कि भवन की कमी के कारण देहारगुड़ा में संचालित एकलव्य आवासीय विद्यालय को गरियाबंद शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया था। लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने बैठक में भवन उपलब्ध होने का भरोसा दिलाया है। इसलिए अब स्कूल को देहारगुड़ा में ही संचालित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि भवन की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी जिसके चलते विभाग स्कूल को शिफ्ट करने पर मजबूर था। बैठक में जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम भी उपस्थित रहे।
बालक आश्रम के बाद एकलव्य शिफ्ट की तैयारी
बतादें कि शनिवार को बड़े गोबरा के ग्रामीणों ने आदिवासी बालक आश्रम चोरी होने की शिकायत मैनपुर थाना में दर्ज करायी है। ग्रामीणों के मुताबिक उनके गांव 1989 से आदिवासी बालक-बालिका आश्रम संचालित था। 2012-13 में आश्रम के लिए भवन भी स्वीकृत हुआ था। लेकिन विभागीय अधिकारियों ने भवन उनके गांव में ना बनाकर 10 किमी दूर भाटीगढ़ में बना दिया। जिसका फायदा यहां के बच्चों को नही मिल पा रहा है। इसलिए वे नाराज है और मामले की शिकायत थाना में दर्ज करायी गयी है। देहरगुड़ा स्कूल के विस्थापन की शिकायत भी जनप्रतिनिधियों द्वारा थाना में दर्ज करायी गयी है।
अधिकारियों पर मनमानी का आरोप
स्थानीय जनप्रतिनिधियों का आरोप है कि जिम्मेदारी अधिकारी मैनपुर क्षेत्र के प्रति सौतेला व्यवहार कर रहे है। अधिकारियों ने पहले बड़े गोबरा बालक आश्रम को दूसरे स्थान पर संचालित कर दिया और अब एकलव्य स्कूल को गरियाबंद शिफ्ट करने की तैयारी में जुटे है। उन्होंने कहा कि वनांचल क्षेत्र होने के कारण यहां के बच्चे पहले ही शिक्षा में पिछड़े हुए है वही अधिकारियों की अनदेखी और सौतेले व्यवहार से बच्चों को दोहरी मार खेलनी पड़ रही है। उन्होंने क्षेत्र में शिक्षा की बेहतर व्यवस्था उपलब्ध कराने की मांग अधिकारियों से की है।