गरियाबंद। मानव सेवा के लिए लिये गए फैसले इंसान को महान बना देते है। ऐसे ही एक फैसले ने (कुरूद) पांडुका निवासी विश्राम साहू को अमर कर दिया। विश्राम साहू की अंतिम इच्छा अपना देहदान करने की थी। कल उनकी मृत्यु के बाद उनके सुपुत्र तुकाराम साहू ने उनकी अंतिम इच्छा पूरी की।
विश्राम साहू के स्वर्गवास होने पर उनके सुपूत्र तुकाराम साहू ने गरियाबंद जिला स्वास्थ्य विभाग को सूचित किया कि उनके पिताश्री की मरणोपरांत नेत्र एवं देह दान करने की अंतिम इच्छा थी। इसके बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एन.आर.नवरत्न एवं सिविल सर्जन डॉ. जी.एल.टण्डन के निर्देश पर जिला चिकित्सालय की टीम मृतक के गांव पहुंची। ग्राम पहुंच कर सर्वप्रथम टीम ने विश्राम साहू का नेत्रदान लिया और दान किये नेत्रों को आई बैंक, मेकाहारा रायपुर में जमा करवा दिया गया।
देहदान की समस्त प्रक्रिया पूर्ण कर उनके पार्थिव शरीर को मुक्तांजली वाहन से मेडिकल कॉलेज रायपुर को सौंप दिया गया। उनके दिये देहदान से मेडिकल की पढाई करने वाले छात्रों को मानव शरीर के अध्ययन में सहायता मिलेगी। देहदान करके विश्राम साहू ने अपना नाम अमर कर दिया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी एनआर नवरत्न ने कहा कि विश्राम साहू ने अपने जाते समय भी समाज को संदेश दिया की नेत्रदान और देहदान सभी प्रकार के दान से श्रेष्ठ ‘‘महादान‘‘ है। इंसान जीते जी तो लोगों के काम आ सकते हैं लेकिन देहदान और नेत्रदान करने से वो मरने के बाद भी समाज और लोगों के काम आ सकते हैं। ऐसे पुण्यात्मा को स्वास्थ्य विभाग शत्-शत् नमन करता है, साथ ही समाज के जागरूक नागरिकों से मरणोपरांत नेत्रदान एवं देहदान करने की अपील करता है।