आवासीय विद्यालयों में अनियमितता के मुद्दे पर सत्ता पक्ष ने ही सरकार को घेरा, मंत्री नेताम ने स्वीकारी प्रदेश में शिक्षा का स्तर गिरने की बात, जिम्मेदारअधिकारीयों पर की कड़ी कार्रवाई करने की घोषणा
विधानसभा में प्रदेश के आवासीय विद्यालयों में अनियमितता का मामला जोर शोर से उठा.सत्ता पक्ष के ही विधायक ने अपनी सरकार को घेरते हुए जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की. इस पर विभागीय मंत्री रामविचार नेताम ने स्वीकार किया कि आवासीय विद्यालय में अव्यवस्था और अनियमितता है. उन्होंने सदन को भरोसा दिलाया कि जांच कराकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे.
भाजपा विधायक मोतीलाल साहू ने प्रश्नकाल में यह मामला उठाते हुए कहा कि अनुसूचित क्षेत्र के बच्चों को बेहतर शिक्षा के लिए प्रदेश में आवासीय विद्यालय खोले गए थे. जहां 2012 से 2018 तक दसवीं, बारहवी परीक्षाओं के परिणाम शत प्रतिशत आ रहे थे. 2019 से 2023 तक परिणाम में काफी गिरावट आई है. इसका कारण यहां होने वाली शिक्षकों की भर्ती में अनियमितता है. क्योकी यहां राजनैतिक दलों से जुड़े अपात्र लोगों की नियुक्ति कर दी गई है. जिसका असर परीक्षा परिणाम पर पड़ा है.
बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले दोषियों पर कार्रवाई की मांग भाजपा सदस्य ने की. अपने जवाब में आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम ने स्वीकार किया कि आवासीय विद्यालय में शिक्षा का स्तर गिरा है. इसके लिए जो भी जिम्मेदार अधिकारी होगा उस पर कड़ी कार्रवाई करने की घोषणा सदन में की.
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सरकारी अस्पताल के वॉशरूम में महिला का प्रसव और कमोड में ही बच्चे की मौत, लापरवाही पर पर्दा डालने की कोशिश, सदन में उठा मामला
किसी सरकारी अस्पताल में इससे बड़ी लापरवाही और क्या हो सकती है कि वहां प्रसव के लिए पहुंची कोई महिला वॉशरूम में जाए. और कमोड में ही बच्चा पैदा हो जाए. इतना ही नहीं कमोड में ही आख़री सांस लेकर वह बच्चा दुनिया से विदा हो जाए. प्रसव के लिए गई महिला खुद भी 2 घंटे वॉशरूम में वॉशरूम में बेहोश पड़ी रहे. इसके बाद भी इस मामले में जिम्मेदार लोगों को बचाने की कोशिश की जाए और कामयाब भी हो जाए. भरोसा नहीं होगा लेकिन यह वाक्या 12 अगस्त 2023 की तारीख पर छत्तीसगढ़ के जशपुर जिला अस्पताल में हुआ था.
यह मामला मंगलवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा के मौजूदा सत्र में प्रश्नकाल के दौरान उठा. मंगलवार को प्रश्न काल में सबसे पहला सवाल महिला एवं बाल विकास से संबंधित था. यह सवाल विधायक श्रीमती गोमती साय ने रखा था. उन्होंने पूछा था कि छत्तीसगढ़ प्रदेश के आंगनबाड़ी केदो की स्थिति में सुधार के लिए शासन की क्या योजनाएं हैं और क्या प्रयास किए जा रहे हैं.
प्रदेश को कुपोषण से पूर्णतः मुक्त की जाने के लिए सरकार द्वारा क्या कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने यह भी जानना चाहा था कि आंगनबाड़ी केदो में बालक-बालिका, गर्भवती शिशुवती माता की संपूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार की तरफ से क्या प्रयास किया जा रहे हैं.
श्रीमती गोमती साय ने बताया कि प्रदेश के आंगनबाड़ी केदो की भौतिक संरचना में सुधार के लिए विभागीय बजट में उपलब्ध मरम्मत मद से सक्षम आंगनबाड़ी के तहत आंगनबाड़ी केदों का चरणबद्ध उन्नयन तथा स्थानीय स्तर पर डीएमएफ फंड, नीति आयोग की निधि से आंगनबाड़ी केदों की स्थिति में सुधार की कार्रवाई की जा रही है. हितग्राहियों के स्वास्थ्य एवं पोषण स्थिति में सुधार के लिए योजनाओं के साथ ही कई तरह के प्रयास किया जा रहे हैं. कुपोषित बच्चों के पोषण स्तर में सुधार के लिए विभाग की ओर से आंगनबाड़ी केदो की सेवाओं और संबंधित विभाग योजना की जरिए विविध प्रयास किया जा रहे हैं. इनमें पूर्ण पोषण आहार, टीकाकरण, संदर्भ सेवा, स्वास्थ्य जांच, स्वास्थ्य एवं पोषण शिक्षा का लाभ आदि प्रमुख है.
विभागीय मंत्री ने यह भी बताया कि आंगनबाड़ी केदो के जरिए दर्ज बच्चों, गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं के स्वास्थ्य एवं पोषण स्थिति में सुधार के लिए कई प्रयास किया जा रहे हैं. विधायक श्रीमती गोमती साय ने कहा कि उत्तर में योजनाओं की जानकारी उन्हें मिली. लेकिन उन्होंने जशपुर जिले की एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना को सामने रखते हुए गंभीर सवाल भी खड़ा किया. उन्होंने कहा कि “मैं मां की पीड़ा को समझ सकती हूं और एक मां का अपना बच्चा खो जाता है. उस पीड़ा को भी मैं समझ सकती हूं…..।” यह घटना इस तरह की है. जब 12 अगस्त 2023 को जशपुर जिला अस्पताल में एक गर्भवती महिला प्रसव के लिए पहुंचती है. डिलीवरी के समय वॉशरूम का उपयोग करने जाती है और वही कमोड में बच्चों को जन्म देती है. उस कमोड में ही बच्चा आख़री सांस लेता है और शौचालय में ही महिला 2 घंटे तक बेहोश रहती है.
उन्होंने कहा कि यह घटना अत्यंत ही निंदनीय और दुर्भाग्य जनक है. उन्होंने कहा कि इस घटना को लेकर उनके मन में बहुत दिनों से पीड़ा थी. विभाग की बहुत सारी योजनाएं हैं. लेकिन क्या इस तरह की लापरवाही बरतने वाले लोगों के खिलाफ कार्यवाही का कोई प्रावधान नहीं है. क्या महिला और बच्चों के विकास, सुरक्षा की जिम्मेदारी किसी की नहीं है.
सवाल का जवाब देते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी रजवाड़े ने कहा कि महिला का दर्द सभी को समझना चाहिए. इस तरह की कोई घटना मेरे पास तक पहुंचेगी तो उस पर कार्रवाई का प्रयास करेंगे. श्रीमती गोमती साय ने कहा कि इस बारे में ऐसा नियम बनाया जाना चाहिए. जिससे ऐसी घटनाओं की में दोषी पाए गए लोगों पर सख्त कार्रवाई हो सके.
इस मुद्दे पर विधायक राय मुनी भगत ने भी अपनी बात रखी. उन्होंने बताया कि 12 अगस्त 2023 को जब इस घटना की जानकारी मिली थी तो सूचना मिलने के तुरंत बाद वे खुद भी अस्पताल पहुंची थी. अगर किसी प्रसव पीड़ित महिला का प्रसव कमोड में हो जाता है और बच्चे की मौत हो जाती है तो इससे पीड़ादायक बात और क्या हो सकती है.
उन्होंने कहा कि उस दिन उन्होंने यह भी देखा कि सारे अधिकारी जो डॉक्टर-नर्स वगैरह उस समय ड्यूटी पर थे. सारे लोग उन्हें बचाने में लगे हुए थे. उन्होंने बताया कि वह करीब 6 घंटे तक उस अस्पताल में रही. उस दौरान उन्होंने खुद देखा था कि सारे अधिकारी इस मामले को छिपाने की कोशिश में लगे हुए हैं. पीड़ित व्यक्ति पर भी दबाव बनाया गया. राय मुनी भगत ने कहा कि 2 घंटे तक वह महिला बेहोश रही. लेकिन जो लोग उसे समय ड्यूटी पर थे. उन्होंने क्या यह सब नहीं देखा. ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही होनी चाहिए. जिससे दोबारा कभी ऐसी घटना ना हो.
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स्मार्ट सिटी लिमिटेड में भ्रष्टाचार : मूल आवश्यकता की जगह प्रॉफिट वाले काम करने के लगे आरोप
सत्ता पक्ष के विधायक ने निर्माण कार्यों ने अरबों के घोटाले का आरोप लगाते हुए दोषी लोगों पर कार्रवाई की मांग की. आवास पर्यावरण मंत्री ओ पी चौधरी ने कहा कि नगरीय प्रशासन मंत्री से चर्चा के बाद संभावित गड़बड़ियों की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करेंगे.
भाजपा विधायक राजेश मूणत ने ध्यानाकर्षण सूचना के जरिए यह मामला उठाते हुए पूछा कि 2018 से केंद्र सरकार ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट शुरु किया था. तब से आज तक कितने प्रोजेक्ट शुरु हुए. जिसमे कितने अधुरे है. विभागीय मंत्री ओ पी चौधरी ने बताया कि कुल 312 में 300 कार्य पूरे हो गए हैं 12 अधूरे है.
भाजपा विधायक राजेश मूणत ने साइंस कॉलेज परिसर में बने चौपाटी निर्माण पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस जमीन पर चौपाटी बनाया गया है वह खेल विभाग की जमीन है. जो यूथ हब और ग्रीन कॉरिडोर के लिए आरक्षित है. टेंडर भी इसी के लिए हुआ लेकिन उसमे चौपाटी कैसे बना दिया गया. विधायक ने पूछा कि इसके लिए क्या स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने खेल विभाग से एनओसी ली थी.
भाजपा विधायक राजेश मूणत ने कहा कि देश के अंदर एक विकसित प्लानिंग के शहर सुव्यवस्थित बसे परिकल्पना मोदी सरकार ने की थी. जिसके तहत रायपुर शहर के अंदर करीब 390 करोड़ परियोजना स्वीकृत हुए थे जिसमें करीब 980 करोड़ खाली रायपुर शहर के डेवलपमेंट के लिए दिया गया था. जिन परियोजनाओं पर प्रावधान था वह काम कंप्लीट नहीं हुआ और तीन-तीन साल तक कंप्लीट नहीं हो पाए तो केंद्र सरकार से स्वीकृत लेकर के परियोजना में संशोधन करने का अधिकार दिया. लेकिन बंदरबाट रायपुर शहर में बट गई. प्रोजेक्ट में मूल आवश्यकता थी वह ना करके जिसमें प्रॉफिट हो सकता है वहां ऐसे प्रोजेक्ट कर दिए गए.
आज रायपुर शहर में वृक्षारोपण देखने को नहीं मिलते , ट्रैफिक सिस्टम कंट्रोल के लिए 200 करोड़ से अधिक खर्च कर दिए हैं, मल्टी लेवल पार्किंग बने लेकिन उसका उपयोग नहीं हुआ. विद्युतीकरण करना था अंडरग्राउंड सिस्टम में वहां नहीं कर पाए. चौपाटी को लेकर प्रश्न चल रहे थे. यूथ हब बनेगा, ग्रीन कॉरिडोर बनाना था वहां 8 करोड़ रूपया बर्बाद कर दिया हैं.। एजुकेशन हब में लाइब्रेरी की जगह ठेले खोमचे लग रहे. शहर के चारों ओर डेवलपमेंट के लिए बुढ़ापारा प्रयोग का स्थान बन गया, सौंदर्य करन के नाम पर डाका डाल दिया. एक भी स्मार्ट रोड नहीं बन पाए। जहा गार्डन बनना था वहा गार्डन नही बना.
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सत्ता पक्ष के विधायक ने पूछा- संचालक राशन के बदले हितग्राहियों को पैसा देते हैं इस पर सरकार क्या कार्रवाई करेगी
छत्तीसगढ़ विधानसभा में पीडीएस राशन दुकानों में गड़बड़ी का मामला उठा. सत्ता पक्ष के विधायक मोतीलाल साहू ने प्रश्नकाल में पूछा कि प्रदेश के कई पीडीएस संचालक राशन के बदले हितग्राहियों को पैसा देते हैं. ऐसे कार्यों पर रोक लगाने के लिए सरकार क्या कर रही है और ऐसे दुकान संचालकों पर सरकार क्या कार्रवाई करेगी.
जवाब में खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल ने कहा कि राशन कार्ड को आधार से लिंक किया जा रहा है ये कार्य 98 प्रतिशत पूरा हो चुका है. पीडीएस की गड़बड़ी रोकने निगरानी टीम बनाई गई है. जो जांच के बाद दोषी दुकान संचालक पर कार्रवाई करती है.
भाजपा के विधायक राजेश मूणत ने राशन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने की मांग की. इस पर विभागीय मंत्री दयालदास बघेल ने कहा, राशनकार्ड आधार से लिंक किए जा रहे है. 98 प्रतिशत राशन कार्ड लिंक से जुड़ चुके है.
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विधानसभा में अजय चंद्राकर ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से सवाल किया कि क्वांटिफायबल डाटा आयोग कब और किन उद्देश्यों से गठित किया गया? उसका कार्यकाल कितनी अवधि का था? उसके कार्यकाल को कितनी बार बढ़ाया गया और अंतिम बार कितनी अवधि के लिए कब तक बढ़ाया गया? रिपार्ट राज्य सरकार को कब सौंपी गई? किन-किन संस्थाओं को देनी थी? इसके चेयरमेन व सदस्य कौन-कौन थे तथा इनको क्या-क्या सुविधायें दी गयी एवं कितनी राशि व्यय की गयी?
क्वांटिफायबल डाटा आयोग ने क्या-क्या अनुशंसाएं दीं? क्या उन अनुशंसाओं का उपयोग राज्य सरकार ने कर लिया है? यदि कर रही है तो इनका उपयोग किन-किन क्षेत्रों में कर रही है? यदि नहीं कर रही है तो इस आयोग का गठन क्यों किया गया?
क्या उक्त डाटा को सार्वजनिक किया गया था? यदि नहीं, तो उसका कारण क्या था एवं उनकी अनुशंसाओं को सरकार द्वारा स्वीकार कर लागू किया गया है? यदि हां, तो सरकार इनका उपयोग किन-किन क्षेत्रों में, किन-किन कार्यों के लिये कर रही है? यदि नहीं, तो उसके कारण क्या हैं?
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने जवाब में बताया कि क्वांटिफायबल डाटा आयोग का गठन सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा 11 सितंबर 2019 द्वारा किया गया. इसका उद्देश्य राज्य की जनसंख्या में अन्य पिछड़े वर्गों तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों का सर्वेक्षण कर क्वांटिफायबल डाटा एकत्रित किया जाना था.
आयोग का कार्यकाल छह माह में प्रतिवेदन शासन को सौंपने हेतु गठन किया गया था, किन्तु प्रतिवेदन अपेक्षित होने के कारण आयोग का कार्यकाल 10 बार बढ़ाया गया, अंतिम बार 2 महीने की अवधि के लिए 31 दिसंबर 2022 तक के लिये बढ़ाया गया था. आयोग ने अपनी रिपोर्ट/प्रतिवेदन 21 नवंबर 2022 को राज्य सरकार को सौंपी.
उक्त रिपोर्ट/प्रतिवेदन किसी भी संस्थाओं को नहीं दी गई है. क्वांटिफायबल डाटा आयोग के चेयरमैन सेवानिवृत्त जिला एवं सेशन जज थे, आयोग में सदस्य नियुक्त नहीं किए गए थे. आयोग के चेयरमैन को मानदेय तथा समान पद के न्यायिक अधिकारियों को उपलब्ध सुविधाओं के अनुरूप सुविधाएं दी गई थी. कुल राशि 1,07,06,856 रुपए व्यय की गई.
आयोग से प्राप्त प्रतिवेदन में अनुशंसा नहीं अपितु निष्कर्ष दिए गए हैं, जिसके आधार पर 1 और 2 दिसम्बर, 2022 को विधान सभा के विशेष सत्र में राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए) आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022 तथा छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्था (प्रवेश में आरक्षण) (संशोधन) विधेयक, 2022 लाया गया, जो सर्वसम्मति से विधान सभा द्वारा पारण किया गया है.
राज्य शासन द्वारा आयोग से प्राप्त उक्त निष्कर्ष एवं डाटा का उपयोग छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए) आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022 तथा छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्था (प्रवेश में आरक्षण) (संशोधन) विधेयक, 2022 में किया गया.
मुख्यमंत्री ने बताया कि आयोग का गठन राज्य की जनसंख्या में अन्य पिछड़े वर्गों तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों का सर्वेक्षण कर क्वांटिफायबल डाटा एकत्रित कर प्रतिवेदन शासन को सौंपने के लिए गठन किया गया था. आयोग से प्राप्त निष्कर्ष/डाटा को राज्य सरकार द्वारा स्वीकार कर छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए) आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022 तथा छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्था (प्रवेश में आरक्षण) (संशोधन) विधेयक, 2022 में किया गया है.
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टेक्नोलॉजी के व्यापक इस्तेमाल से प्रदेश में आएगा बड़ा परिवर्तन
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने विधानसभा में बजट पर चर्चा के लिए पक्ष एवं विपक्ष की तरफ से चर्चा में शामिल सदस्यों के साथ ही सदन के सभी सदस्यों को अपनी तरफ से धन्यवाद ज्ञापित किया. वित्त मंत्री ने अपने धन्यवाद ज्ञापन में कहा कि मैं बजट पर चर्चा में शामिल सभी साथियों को अपने सुझाव और अपनी बातें रखने के लिए धन्यवाद देता हूं.
वित्त मंत्री ने सदन को संबोधित करते हुए कहा की राज्य में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार बस्तर एवं सरगुजा पर फोकस करने के लिए पूरी तरह समर्पित है. उन्होंने कहा की सरगुजा एवं बस्तर को इको टूरिज्म एवं नेचुरोपैथी डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जायेगा. बस्तर क्षेत्र में लघु वनोपज के प्रसंस्करण हेतु उद्योगों की स्थापना की जाएगी और समन्वित प्रयास करते हुए इन क्षेत्रों की आर्थिक संभावनाओं को मूर्त रूप दिया जाएगा.
वित्त मंत्री ने कहा की एक ओर हमारी सरकार गोंडी भाषा को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है तो दूसरी तरफ नया रायपुर को आईटी सेक्टर बनाने के लिए भी हम प्रतिबद्ध हैं. हम टेक्नोलॉजी के व्यापक इस्तेमाल करने की कोशिश करेंगे इससे प्रदेश में बड़ा परिवर्तन आएगा.
वित्त मंत्री ने नए जिलों के बारे में कहा की उन्हें यह जानकारी मिली है कि बहुत से नए जिलों में कार्यालय, कॉलेज एवं मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं. इन जिलों का विकास करने के लिए हम पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं.
वित्त मंत्री चौधरी ने सदन को संबोधित करते हुए कहा की यह विष्णु देव साय की सरकार है जिसने निर्णय लिया है कि 15 क्विंटल की जगह 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान की खरीदी होगी. इसके लिए किसानों के हित में कृषक उन्नति योजना के तहत बजट में 12 हजार करोड़ का प्रावधान भी किया गया है. उन्होंने कहा की हमारी सरकार किसानों के लिए पूरी तरह समर्पित है और सदन में बैठे किसी भी व्यक्ति को किसानों की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.
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गोली कांड और देर रात तक चल रहे बार / होटल का मामला विधानसभा में गूंजा
छत्तीसगढ़ में देर रात तक बार / होटल खुले रहने, गोली चलने की घटनाएं और लड़के- लड़कियों के नाचने का मामला विधानसभा में पूजा। प्रश्न काल में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने यह मुद्दा उठाया। जिस पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि नियमों का सख़्ती से पालन किया जाएगा। धरमलाल कौशिक ने छत्तीसगढ़ में 2021-22 और 2022-23 में ऑनलाइन शराब की बिक्री में की राशि में आ रहे अंतर को लेकर भी सवाल किया था । जिस पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जांच करने का ऐलान किया है.
भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने सवाल किया था कि 2021 से नवंबर 2023 तक मदिरा की कुल कितनी नई दुकान – बार और प्रीमियम दुकानें खोली गई। कितने फर्म और कौन-कौन से फर्मो को ऑनलाइन मदिरा विक्रय स्वीकृति / प्रदाय की गई। इससे कुल कितने राजस्व / आय की प्राप्ति हुई। उन्होंने इस बारे में वर्षवार और जिलेवार जानकारी मांगी थी। उन्होंने यह भी पूछा था कि 2021 से 2023 के बीच होटल/ बार को शराब बिक्री के लाइसेंस प्रदान करने के क्या नियम है। कितने लाइसेंस जारी किए गए। इससे कितनी राजस्व आय की प्राप्ति हुई। कितने होटल / बार के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया गया और कितनी शराब जब्ती की गई। उन्होंने इस अवधि में घर पहुंच सेवा से कितने राजस्व की प्राप्ति हुई इसकी भी वर्षवार – जिलेवार जानकारी मांगी थी। उन्होंने पूछा था कि इस अवधि में कितने चखना सेंटर – आहाता खोले गए। 3 दिसंबर 2023 के बाद कितने चखना सेंटर – आहाता को हटाया गया और इनको कौन संचालित कर रहा था इसकी जानकारी उन्होंने जिलेवार मांगी थी.
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जवाब में जानकारी दी की ऑनलाइन मदिरा बिक्री हेतु किसी फर्म को स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है। बल्कि छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा ऑनलाइन मदिरा विक्रय किया जाता है । उन्होंने बताया था किऑनलाइन मदिरा बिक्री से 2021-22 में 52 करोड़ 24 लाख का राजस्व मिला। जबकि 2022-23 में 24 लख रुपए मिले। धरमलाल कौशिक ने यह जानना चाहा कि 2021-22 और 22- 23 के आंकड़ों में इतना अंतर क्यों है। इसका कारण क्या है और मामला क्या है क्या इसकी जांच कराएंगे। इस पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी.
धरमलाल कौशिक विधानसभा में यह भी बोले की समाचार पत्रों के जरिए लगातार यह बात सामने आ रही है कि प्रदेश में बार/ होटल देर रात तक खुले रहते हैं। उन्होंने वीआईपी रोड के क्लब का उदाहरण भी दिया। उन्होंने कहा कि कुछ जगहों में गोली चलने की घटनाएं भी सामने आई है। बिलासपुर में भी इसी तरह की घटनाएं हो रही है। देर रात तक बार / होटल खुले हैं, जहां लड़के – लड़कियां नाच रहे हैं। इस तरह की घटनाओं को देखते हुए क्या पाबंदी लगाएंगे। इस सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि इस मामले में सख़्ती से नियम का पालन करने के निर्देश शासन की ओर से दिए गए हैं। इस जवाब से संतुष्ट होकर भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद कहा.
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रेडी टू ईट चलाने का जिम्मा फ़िर स्वसहायता समूहों को सौंपेगी सरकार
छत्तीसगढ़ विधानसभा के में प्रश्न कल के दौरान रेडी टू ईट का मामला भी उठाया गया। विधायक श्रीमती राय मुनि भगत की ओर से इस संबंध जब पूछा गया कि क्या रेडी टू ईट को बीज विकास निगम से वापस महिलाओं को देने पर सरकार विचार करेगी। इस सवाल के जवाब में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने विधानसभा में ऐलान किया की रेडी टू ईट को स्व सहायता समूहों को वापस देने पर सरकार विचार करेगी.
विधायक रायमुनी भगत ने सवाल किया था कि क्या यह सच है कि शासन महिला स्व सहायता समूह के सशक्तिकरण के लिए प्रयासरत है। यदि हां तो इस संबंध में ब्यौरा क्या है। उन्होंने पूछा था कि क्या यह सही है कि रेडी टू ईट योजना के संचालन का दायित्व महिला स्व सहायता समूह से लेकर बीज विकास निगम को दे दिया गया है ।यदि हां तो इसके क्या कारण थे। क्या इस योजना के संचालन का दायित्व फिर से महिला स्व समूह को दिए जाने के लिए प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन है.
इस सवाल के जवाब में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम के माध्यम से रेडी टू एट प्रदाय करने का निर्णय लिया था। रेडी टू ईट को स्व सहायता समूह की महिलाओं को पुनः दिए जाने पर सरकार विचार करेगी। उनका जवाब आने पर स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री की ओर से महत्वपूर्ण घोषणा की गई है। जिस विषय को लेकर पूरा प्रदेश आंदोलित था इसके समाधान की दिशा में यह महत्वपूर्ण प्रयास है । जवाब आने के बाद विधायक रायमुनी भगत ने कहा कि उन्हे उम्मीद है कि सरकार जल्द ही रेडी टू ईट का संचालन शीघ्र ही महिला स्व सहायता समूहों को दिया जाएगा.
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