Wednesday, May 15, 2024
Homeअजब-गजबजैविक खेती अपना कर हुआ कम लागत में ज्यादा उत्पादन, दिव्यांग प्रकाश...

जैविक खेती अपना कर हुआ कम लागत में ज्यादा उत्पादन, दिव्यांग प्रकाश नारायण को मिला 50 हजार रूपये का चेक

दिव्यांग प्रकाश नारायण को मिला 50 हजार रूपये का चेक

गरियाबंद : समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित दिव्यांगजन विवाह प्रोत्साहन योजना अंतर्गत विकासखंड फिंगेश्वर के ग्राम कोसमखुटा के प्रकाश नारायण पटेल पत्नी श्रीमती दुर्गा पटेल को 50 हजार रूपये का चेक प्रदान किया गया. प्रकाश नारायण पटेल श्रवण बाधित दिव्यांग है. दिव्यांगजन विवाह प्रोत्साहन योजना अर्न्तगत विवाह के उपरांत इनके आवेदन का शीघ्र निराकरण कर पात्रता अनुसार उन्हें समाज कल्याण विभाग द्वारा 50 हजार रूपये का चेक प्रदान किया गया. उक्त योजना से लाभांवित होने के पश्चात् हितग्राही द्वारा जिला प्रशासन एवं समाज कल्याण विभाग को धन्यवाद ज्ञापित किया है.

पटेल ने कहा कि यह राशि उनके जीवन के लिये बहुत बड़ा सहयोग है. और यह राशि का समुचित उपयोग कर नया व्यवसाय सिलाई कढ़ाई का दुकान संचालित करना चाहता हैं यह राशि हमारे नवविवाहित जीवन के शुरूआत के लिए बहुत बड़ी आर्थिक मदद है.

जैविक खेती अपना कर हुआ कम लागत में ज्यादा उत्पादन

गरियाबंद : छुरा विकासखंड अंतर्गत ग्राम कुरूद की नंदनी साहू जय मॉ दुर्गा समूह से जुड़ी है. नंदनी साहू ने बताया कि समूह में जुड़ने के बाद हमारे हमारे जीवन मे पारिवारिक आर्थिक एवं सामाजिक बदलाव हुआ. पहले हम किसी भी प्रकार की समूह के बारे में नहीं जानते थे. लेकिन बिहान संस्था के माध्यम से हमें समूह में जुड़ने, बचत करने, अपने जरुरतों को पूरा करने के लिए कर्ज लेना, सामूहिक मदद की भावना आदि का अवसर प्राप्त हुआ.
नंदनी साहू
नंदनी साहू
उन्होंने बताया कि समूह में जुड़ने के बाद अपनी छोटी छोटी जरुरतों के लिए समूह से कर्ज लेना शुरू किया. जिससे घर की आवश्यकताओं की पूर्ति सरलता से होने लगी. मैं समूह के माध्यम से जैविक कृषि कार्य को अपना कर कृषि कार्य कर रही हूँ. जिससे कम लागत में अधिक उत्पादन हो रहा है. कम खाद, कम बीज और कम पानी से रसायनिक खेती में जो लागत आ रहा था. उसमें कमी आई और जैवक कृषि के माध्यम से आय में वृध्दि हुई.
उन्होंने बताया कि मैं पहले 75 डिसमील में धान की खेती परंम्परागत विधि से कर रही थी. जिसमें लागत 16 हजार रूपये खर्च करना पड़ता था और 11 हजार 500 रूपये आमदानी होती थी. पहले रासायनिक विधि खेती करने से धान का उत्पादन बहुत कम होता था. जिससे मुनाफा ज्यादा नहीं हो पाता था. अच्छी पैदावार नहीं होने के कारण आर्थिक स्थिति कमजोर थी.
वर्तमान में कर रहे जैविक खेती का विवरण सामुदायिक संवहनीय आधारित कृषि और महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना के द्वारा पता चला कि जैविक विधि से खेती करने से क्या लाभ है. तब से समूह में जुड़ने के बाद जैविक खेती एस.आर.आई पद्धति से खेती करना प्रारंभ किया तब से लागत बहुत कम हो रहा है. वर्तमान में लागत खर्चा 75 डिसमील कुल 7 हजार 500 रुपये है. और उत्पादन 18 क्विंटल प्राप्त हो रही है. इस विधि को अपनाने से शुद्ध आय 37 हजार 500 रुपये है. जिससे मेरी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है.

Most Popular

error: Content is protected !!