Monday, April 29, 2024
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पीएम मोदी ने बागी नेता को किया फोन ? : ‘मैं नहीं सुनूंगा, मत लड़ो चुनाव’, फिर भी न माने भाजपा के बागी कृपाल परमार

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के पूर्व नेता कृपाल परमार के फतेहपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के फैसले के कारण न सिर्फ हिमाचल प्रदेश में चुनावी टिकट को लेकर में पार्टी में बगावत हुई बल्कि ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी उनसे संपर्क करने के लिए मजबूर होना पड़ा. हिमाचल में 12 नवंबर को मतदान होंगे. चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 25 अक्टूबर थी और नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 29 अक्टूबर थी.

पूर्व राज्यसभा सांसद उन 17 बागी लोगों में शामिल हैं जो चुनाव में टिकट नहीं मिलने के कारण निर्दलीय चुनाव लड़ने की योजना बनाई है. हिमाचल प्रदेश निवासी भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा बागी नेताओं को पार्टी के उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फतेहपुर से भारतीय जनता पार्टी के बागी नेता कृपाल परमार के बीच आपस में हुई तथाकथित बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. हालांकि इस वीडियो और बातचीत की सत्यता अभी भी पुष्ट नहीं हो पाई है. कहा जा रहा है कि पीएम मोदी ने जिस नेता को फोन किया है. वो बीजेपी के बागी नेता कृपाल परमार हैं. बगावत के कारण पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता भी दिखा दिया है. कृपाल परमार हिमाचल बीजेपी के बड़े नेता थे. पार्टी के उपाध्यक्ष थे. इस चुनाव में जब टिकट नहीं मिला तो पार्टी से नाराज हो गए और निर्दलीय ही चुनावी मैदान में उतर गए. अब इतने बड़े नेता के निर्दलीय उतरने से सीट बीजेपी के लिए फंसती दिखी. शायद यही वजह कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद फोन करके चुनाव नहीं लड़ने को कहा.

मिली जानकारी के मुताबिक कृपाल परमार चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं थे लेकिन जब वन मंत्री राकेश पठानिया ने उन्हें फोन पर अपशब्द कहें तो उन्होंने अपना मन बदल लिया. उन्होंने कहा, ‘ मैंने यह बात नड्डा जी को बताई लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया. मैं बहुत दिनों से टिकट की मांग कर रहा था. मुझे 2012 में नकार दिया गया था और 2017 में मैं सिर्फ 1,200 वोट से हार गया था. मुझे हराने के लिए एक बागी को मैदान में उतारा गया था.’पिछले हफ्ते भाजपा से निकाले गए कृपाल परमार 2000 से 2006 के बीच हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा सदस्य और राज्य भाजपा के उपाध्यक्ष थे.

शनिवार को कृपाल परमार का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें वह कथित तौर पर एक ऐसे व्यक्ति से बात करते हुए दिखाई दे रहे हैं जिसे वह नरेंद्र मोदी बता रहे हैं और नड्डा के खिलाफ अपने राजनीतिक करियर को खत्म करने की शिकायत करता है. वीडियो के वायरल होने के बाद सवाल उठने लगा कि क्या कृपाल परमार को पीएम मोदी ने फोन किया था. क्योंकि कृपाल परमार फोन पर बार-बार मोदी जी कहकर संबोधित कर रहे थे.

वीडियो क्लिप में फोन की दूसरी तरफ के व्यक्ति के द्वारा यह सुना जा सकता है जिसमें वह कह रहे हैं. ‘मैं कुछ नहीं सुनूंगा. चुनाव से बाहर हो जाओ.’ फिर परमार कहते हैं.’ आप मेरे लिए भगवान की तरह हैं. यह भगवान की ओर से एक निर्देश है. अगर यह कॉल दो दिन पहले आई होती तो बेहतर होता.’

वीडियो वायरल होने के तुरंत बाद कांग्रेस ने कहा कि यह क्लिप भाजपा की हताशा को दिखाता है. यही कारण है कि प्रधानमंत्री खुद भाजपा के बागियों से आधिकारिक उम्मीदवारों की संभावना को खराब नहीं करने का आह्वान कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि मैं उम्मीद कर रहा था कि पार्टी 2021 में कांग्रेस विधायक सुजान सिंह की मौत के बाद उपचुनाव में टिकट देगी लेकिन इसके बजाय नड्डा जी ने मेरे खिलाफ साजिश रची. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मुझे शिमला ले जाने के लिए हेलीकॉप्टर से मेरे पास आए थे और उन्होंने मुझे राज्य चुनाव में टिकट देने का आश्वासन दिया.

लेकिन टिकट वितरण के वक्त पठानिया की सीट बदल दी गई और मेरी उम्मीदवारी पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. मैंने इस पूरे प्रकरण के बारे में बता दिया है लेकिन नड्डा जी ने सुनिश्चित किया किया कि प्रधानमंत्री को अंधेरे में रखा जाए.

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