इस योजना के तहत राज्य के बस्तर विश्वविद्यालय को 100 करोड रुपए, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर को 20 करोड़ और अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय, बिलासपुर को 20 करोड़ के साथ दो कॉलेजों को पांच-पांच करोड़ रुपए दिए हैं.
पीएम मोदी ने आईआईटी भिलाई के स्थायी परिसर का वर्चुअल लोकार्पण किया. आईआईटी के निर्माण की आधारशिला प्रधानमंत्री मोदी ने 14 जून 2018 को रखी थी. इसके निर्माण का कार्य 8 जुलाई 2020 को शुरु हुआ. आईआईटी भिलाई देश का 23वां आईआईटी संस्थान है.
आईआईटी भिलाई का कैंपस 358 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। 879.22 करोड़ की लागत से बिल्डिंग और दूसरे काम कराए गए हैं. IIT भिलाई में 2500 छात्रों की क्षमता है. वर्तमान में 700 छात्र यहां पढ़ाई कर रहे हैं. पिछले साल जुलाई से नया शैक्षणिक सत्र शुरू कर दिया गया है. यह थ्रीडी आईआईटी है, जिसे थर्ड जनरेशन आईआईटी कहते हैं. यहां डिपार्टमेंट डिसीप्लिन प्रोग्राम भी हैं। यहां छोटे कोर्सेस, डिप्लोमा कोर्सेस और सर्टिफिकेट कोर्सेस हैं.
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केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि पीएम श्री योजना के द्वितीय चरण में छत्तीसगढ़ की अपेक्षाओं के अनुरूप ज्यादा से ज्यादा स्कूलों को शामिल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के 211 स्कूलों में पीएम श्री योजना की शुरुआत की गई है. जिसके तहत 2-2 करोड़ प्रति स्कूल राशि खर्च कर स्कूलों को बड़े शहरों और विश्व स्तर के आदर्श स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा.
मंत्री अग्रवाल ने कहा कि राज्यों को उच्च शिक्षा हेतु संचालित महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों को अनुदान सहायता उपलब्ध कराने के लिए पूर्व संचालित रुसा योजना के स्थान पर प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (PM-USHA) योजना शुरु की गई है.
इस योजना के अंतर्गत राजकीय विश्वविद्यालयों एवं शासकीय तथा अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों में समानता, पहुंच एवं उत्कृष्टता के लक्ष्य को पाने के लिए राज्य सरकारों को मदद दी जाती है. (PM-USHA) योजना के कुल 5 घटक है. राज्य द्वारा उक्त सभी घटकों में भारत सरकार को 8 विश्वविद्यालयों और 69 महाविद्यालयों के लिए कुल 895 करोड का प्रस्ताव भेजा गया था. प्रथम चरण में शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा विश्वविद्यालयों के लिए लागू 2 घटकों में राज्य के जिन विश्वविद्यालयों को अनुदान स्वीकृत किया गया है.
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वहीं Grants to Strengthen Universities (GSU) component में अटल बिहारी बाजपेयी विश्वविद्यालय, बिलासपुर और पं रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर को 20-20 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गई है.
बस्तर विश्वविद्यालय के लिए स्वीकृत उपरोक्त 100 करोड़ की राशि से नवीन संकाय, प्रयोगशाला कक्ष, स्मार्ट क्लास रूम इत्यादि नवीन निर्माण कार्य, पूर्व से उपलब्ध प्रयोगशाला, लाईब्रेरी, क्लास रूम, विद्यार्थियों के लिए अन्य सुविधाओं का सुसज्जिकरण किया जायेगा. इसके साथ ही विश्वविद्यालय के काम-काज का कंप्यूटराईजेशन अध्ययन-अध्यापन में सूचना प्रौद्योगिकी के नवीन तकनीकों का उपयोग उच्च स्तरीय हाईटेक लाईब्रेरी तथा उच्च स्तरीय शोध को प्रोमोट करने वाले संसाधनों का विकास किया जायेगा.
उन्होंने बताया कि बस्तर क्षेत्र में उच्च शिक्षा की उपलब्धता हेतु वर्ष 2024-25 के राज्य बजट से 20 नवीन शिक्षण विभाग में 33 नवीन स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरु करने का भी प्रावधान किया गया है. ये सभी पाठ्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के मापदण्डों के अनुरुप शरु किये जायेंगे. इसके लिए बजट में 365 पदों का एक्स्ट्रा सेटअप का भी प्रावधान किया गया है. बस्तर विश्वविद्यालय के वार्षिक अनुदान की राशि 4 करोड़ से बढ़ाकर इस साल के बजट में 10 करोड़ प्रस्तावित किया गया है.
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(PM-USHA) योजना अंतर्गत स्वीकृत राशि से रायपुर एवं बिलासपुर विश्वविद्यालयो में विभिन्न नये निर्माण कार्य एवं पूराने कार्यों का नवीनीकरण किया जायेगा. उपकरण मद की राशि से प्रयोगशाला, कंप्यूटर लैब तथा लाईब्रेरी को अपग्रेड करने का काम किया जायेगा.
साल 2024-25 के राज्य बजट में पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर में वाणिज्य अध्ययन शाला एवं फोरेंसिक साइंस के नवीन विषय शुरु करने की भी स्वीकृति दी गई है. राज्य शासन ने पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर के वार्षिक अनुदान बजट की राशि 39 करोड़ से बढ़ाकर 54 करोड़ कर दिया गया है. इसी तरह बिलासपुर विश्वविद्यालय के लिए वार्षिक अनुदान की राशि 2 करोड़ 27 लाख से बढ़ाकर 10 करोड़ कर दी गई है.