Wednesday, May 15, 2024
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राजिम कुंभ कल्प 2024, संतों का आगमन शुरु, 3 मार्च से पल्स पोलियो अभियान, शासन की योजनाओं की जानकारी देने कई विभागों ने लगाई प्रदर्शनी

राजिम कुंभ कल्प 2024, चौथे दिन मुख्य मंच पर कर्मा, ददरिया, देवार गीतों की हुई शानदार प्रस्तुति
राजिम : राजिम कुंभ कल्प के चौथे दिन मुख्य मंच पर कर्मा, ददरिया, देवार गीतों की शानदार प्रस्तुति हुई. हमर छत्तीसगढ़ लोक कलामंच के रोशन साहू ने ददरिया, करमा, देवार गीतों के माध्यम से समा बांधा। लोकमंच की पहली प्रस्तुति गणेश वंदना से हुई। हमर छत्तीसगढ़ मया के खदान…. हरी दिये तोर समान…… जवारा जस गीत की प्रस्तुति ने दर्शकों को खूब भाया। इसी के साथ ऐ मोर सवारियां……. चुटकी भर सिंदूर जिंदगी तोर मोर नाम कट जाही… जैसे देवार, कर्मा, आदिवासी नृत्य ने धूम मचा दिया। मंच पर कार्यक्रम की पहली प्रस्तुति सुश्री भावना टांक ने शास्त्री गायन के माध्यम से राम भगवान की महिमा को जनता तक पहुंचाने की कोशिश की। सुश्री गोपा सान्याल रायपुर के द्वारा भजन संध्या की प्रस्तुति दी गई। जिसमें गणेश वंदना के साथ राम का स्मरण करते हुए मंच सहित विशाल दर्शक दीर्घा को भी भक्तिमय माहौल बना दिया। कार्यक्रम के दौरान धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की माता के निधन की सूचना प्राप्त होने पर दुख व्यक्त करते हुए दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई.
राजिम कुंभ के सांस्कृतिक मंच पर आज 29 फरवरी को होंगे कई कार्यक्रम
 राजिम : राजिम कुंभ कल्प के मुख्य मंच पर प्रतिदिन राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों का प्रस्तुति हो रही है। मंच के माध्यम से राजिम की ख्याति देश-दुनिया में फैल रही है. आज गुरुवार 29 फरवरी को मुख्य मंच पर पुष्पा निषाद पंडवानी की प्रस्तुति होगी. इसी तरह राजू महाराज द्वारा भजन जगराता और बिलासपुर के मधु प्रसाद साहू द्वारा लोकमंच की प्रस्तुति होगी.
स्थानीय कलाकरो के लिए बने मंच में सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक कार्यक्रम होंगे. जिसमें सुवा, कर्मा, ददरिया, आदिवासी नृत्य, राउत नाचा, सरगुजा नृत्य, मानस गान, भजन के माध्यम से अपनी कला दर्शकों तक पहुंचाएंगे। गुरूवार को स्थानीय मंच पर मडेली के समुंडा पूनम द्वारा पंडवानी, रजनकट्टा के राकेश साहू फाग मंडली, देवगांव के वेदलाल साहू लोककला मंच, दिनेश जांगड़े कुरेश्वर पंथी नृत्य, अंजोरदास कोडापार द्वारा मंगल भजन, दीपक श्रीवान चौबेबांधा द्वारा भजन संध्या, किशन नागरची द्वारा रामायण, नैना पहाड़िया नवापारा द्वारा लोकनृत्य, हुमन चंद्राकर मानस भजन, रायपुर के प्रकाश धीवर की टीम द्वारा जगराता और चर्रा कुरूद आरडी साहू रघुवर मानस परिवार की प्रस्तुति होगी.
राजिम कुंभ कल्प में संतों का आगमन शुरु
राजिम : राजिम कुंभ कल्प में 3 मार्च से शुरू होने वाले संत समागम के आयोजन में भाग लेने के लिए संतों का राजिम पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। इस महात्माओं को यथा-स्थान निर्धारित जगह पर ठहराया जा रहा है। ज्ञात हो कि संत समागम में भाग लेने आने वाले संत महात्माओं के ठहरने का शासन द्वारा उचित प्रबंध किया गया है। यहां पर संत अपने-अपने अखाड़ो एवं आश्रमां से आये संतो के साथ ठहर सकेंगे और अपनी वैदिक दिनचर्या को पूरा कर सकेंगे। अभी तक विभिन्न संप्रदाओं और अखाड़ों के संतो का आना शुरू हो गया है। अभी तक जनकपुरी महाराज, भोलागिरि महाराज, शीतल गिरि महाराज के अलावा अन्य संत भी पहुंच चुके है। नागा महात्माओं ने बताया कि नासिक, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और कांशी से लगभग 50 से ज्यादा नागा साधुओं के आने की संभावना है। नागा साधुओ के लिए पहले के तुलना बहुत बड़ा पंडाल लगाया गया है। इसके साथ ही भोजन, पेयजल और शौचालय की सुविधा बनाई गई है। वहीं इन नागा साधुओं के रहने के लिए अलग से स्थान सुरक्षित रखा गया है.
आज भी प्रासंगिक हैं राजिम का लोमश ऋषि आश्रम, लोमश ऋषि आश्रम के संदर्भ में है कई किंवदंतिया
राजिम : छत्तीसगढ़ के प्रयाग कहे जाने वाले धर्म नगरी राजिम में भगवान वास करते हैं। इसका साक्षात उदाहरण भगवान श्री राजीव लोचन और श्री कुलेश्वर नाथ महादेव है, जिसके आशीर्वाद से हर वर्ष राजिम मेला बिना किसी रूकावट के संपन्न होता है। इसके साथ ही प्रयाग क्षेत्र में स्थित लोमश ऋषि आश्रम है। लोमश ऋषि आश्रम के संदर्भ में कई किंवदंतियाँ है।
यहां पर बेल के अत्यधिक पेड़ होने के कारण इसे बेलाही घाट भी कहा जाता हैं। प्राकृतिक दृष्टि से भी यह बहुत मनोहारी है यहां आने से एक प्रकार से शांति का अनुभव होता है। आश्रम के प्रवेश द्वार ऐसे बने है जैसे वे हर दर्शनार्थियो के स्वागत के लिए खड़े है। उनके दोनों किनारे में बने बाग-बगीचे विभिन्न रंगो में खिले फूल मन को अति प्रसन्न करते है। राजिम कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह आस्था, श्रद्धा और आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। यह आकर मेलार्थी घंटो समय व्यतीत करता है और अपनी थकान मिटाकर अपनी गणतव्य की आगे बढ़ते हैं.
रेत से भगवान भोलेनाथ का शिवलिंग बनाकर माता सीता ने की थी पूजा अर्चना, त्रिवेणी संगम के बीच स्थित है भगवान कुलेश्वर नाथ महादेव का मंदिर
राजिम : राजिम कुंभ कल्प के संगम तट पर पैरी, सोढ़ूर और महानदी का संगम है। नदी के बीच में भगवान शिव का विशाल मंदिर है, जिसे श्री कुलेश्वरनाथ महादेव के नाम से ख्याति प्राप्त है। कहा जाता है कि वनवास काल के दौरान भगवान श्री राम, लक्ष्मण और माता सीता के साथ यहीं पर स्थित लोमष ऋषि के आश्रम के कुछ दिन गुजारे थे। उसी दौरान माता सीता ने नदी की रेत से भगवान भोलेनाथ का शिवलिंग बनाकर उनकी पूजा अर्चना की थी। तभी से इस शिवलिंग को कुलेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है।
इस खुरदुरे शिवलिंग को माता सीता ने अपने हाथों से बनाया था, जिसके निशान होने की बात जनमानस में प्रचलित है। चूंकि यह शिवलिंग क्षरण के कारण अपना मूल स्वरूप शनैः शनै खोता जा रहा है, इसलिए इस शिवलिंग की सुरक्षा के लिए ऊपर से जाली लगाकर शिवलिंग को ढक दिया गया है। ताकि शिव भक्तों द्वारा पूजा अर्चना में उपयोग किए जाने वाले वस्तुओं से शिवलिंग की सुरक्षा की जा सकें।
भगवान श्री कुलेश्वरनाथ को लेकर मान्यता है कि बरसात के दिनों में कितनी भी बाढ़ आ जाए। यह मंदिर डूबता नहीं है। कहा जाता है बाढ़ से घिर जाने के बाद नदी के दूसरे किनारे पर बने मामा-भांचा मंदिर को गुहार लगाते हैं कि मामा मैं डूब रहा है मुझे बचा लो। तब बाढ़ का पानी कुलेश्वरनाथ महादेव के चरण पखारने के बाद बाढ़ का स्तर स्वतः कम होने लगाता है। आज भी इस मान्यता को लोग कोई श्रद्धा से स्वीकारते हैं.
राजिम कुंभ कल्प मेला में जैविक कृषि सम्मेलन का हुआ आयोजन, प्रधानमंत्री मोदी ने किसान सम्मान निधि की 16वीं किश्त की जारी, जिले के हजारों किसान हुए लाभान्वित
राजिम : राजिम कुंभ कल्प 2024  के पांचवे दिन कुलेश्वर मंदिर के पास बने डोम में जैविक कृषि सम्मेलन का आयोजन किया गया।आज किसान दिवस के अवसर पर महाराष्ट्र के यवतमाल से प्रधानमंत्री मोदी ने किसान सम्मान निधि की 16वीं किस्त की राशि जारी करते हुए उपस्थित किसानों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित भी किया। जिसमें किसानों ने पूरे ध्यान से सुनते हुए जैविक खेती को अपनाने के लिए संकल्पित हुए। किसान सम्मान निधि की राशि जारी होने से जिले के हजारों किसान लाभान्वित हुए। कार्यक्रम में राजिम नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रेखा सोनकर एवं जगदीश साहू विशेष रूप से मौजूद रहे। इस अवसर पर उपस्थित किसानों को कृषि वैज्ञानिकों ने जैविक खेती करने के लिए जोर देते हुए जैविक खेती के फायदे बताए। जिससे किसान कम लागत में जैविक पद्धति से अधिक फसल उत्पादन करके अधिक लाभ कमा सकते हैं। कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि जैविक खेती के लिए जैविक पोषक तत्वों को तीन भागों में बांटा गया है। उन्होने जीवामृत, बीजामृत, घन जीवामृत के निर्माण से फसलों को पोषक तत्व देने की विधि बताई। कृषि को कीटों से बचाने के लिए ब्रह्मास्त्र और नीमास्त्र बनाने की विधि इस कार्यक्रम में किसानों को दी गई। साथ ही क्षेत्र के  किसानों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया, जिन किसानों ने जैविक कृषि पद्धति अपनाकर लाभ कमाया है।  इस अवसर पर कृषि विभाग गरियाबंद के उप संचालक चंदन कुमार रॉय एवं अतिथियों की उपस्थिति में किसान समृद्धि योजना के तहत चेक वितरण किया गया। किसानों को 35 हजार रूपये की चेक राशि लोमश, कन्हैया, दौलत, यशवंत साहू को दी गई। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत किसान क्रेडिट कार्ड अमर, लता, गिरधर यादव को दिया गया है। जैविक खेती मिशन सम्मान प्रमाण पत्र संजू, चारो बाई, पुरुषोत्तम, बालचंद, कृपाराम को प्रदान किया गया। मिट्टी नमूना कार्ड सम्मान सोमजीत और समारू को मिला। साथ ही मछली जाल एवं बॉक्स का वितरण भी किया गया।
इस दौरान  उपस्थित कृषि वैज्ञानिक एवं कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों के सवालों के जवाब देकर उनकी समस्याओं का समाधान करते हुए शंका का निवारण भी किया। साथ किसानों को कृषि आधारित अनुदान की राशि चेक देकर प्रदान किया। इसके अलावा  मत्स्य विभाग द्वारा मछली पालक को प्रोत्साहन देने के लिए मछली जाल एवं अन्य उपकरण देकर उन्हें मछली पालन के लिए प्रोत्साहित किया। छत्तीसगढ़ राज्य बीज प्रमाणीकरण के प्रबंध संचालक बी.ए. आसना ने किसानों को बताया कि किसान के लिए उत्तम बीज का चयन करना बहुत ही जरूरी होता है क्योकि अच्छे बीज से ही फसल वृद्धि होती है। पहले बिना रासायनिक खाद के खेती की जाती थी, जो नुकसानदायक नहीं होती थी। किसी प्रकार से इसके हानिकारक प्रभाव नहीं होते है। लेकिन आज फसलों में कीटनाशक दवाई का प्रयोग कर मानव शरीर में विष घोल रहे है। जैविक कृषि के लिए किसानों को प्रेरित करते हुए कहा कि जैविक खेती कृषि की वह पद्धति है जिसके द्वारा पर्यावरण जल एवं वायु को प्रदूषित किये बिना तथा भूमि की सजीवता जल की गुणवत्ता जैव विविधता को दीर्घकालीन एवं टिकाऊ उत्पादन प्राप्त किया जाता है। राज्य में विभिन्न योजनाओ के माध्यम से जैविक खेती के प्रति किसानों को जागरूक करने एवं उन्हें प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य में प्रमाणिक जैविक खेती को बढ़ावा देने प्रसार-प्रसार गतिविधि एवं जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। कृषकों द्वारा उत्पादित जैविक खाद्यानों का प्रमाणीकरण मूल्य संवर्धन एवं विपणन हेतु प्रयास किया जा रहा है.
राजिम कुंभ कल्प मेला में शासन की योजनाओं की जानकारी देने कई विभागों ने लगाई प्रदर्शनी
लोगों को एक ही जगह पर मिल रही कई योजनाओं की जानकारी
राजिम : शासन की योजनाओं को आम जन तक पहुंचाने राजिम कुंभ कल्प में विभिन्न विभागों द्वारा प्रदर्शनी लगाई गई है। राजिम मेला के मुख्य मंच के समीप गरियाबंद जिले के लगभग 25 स्टाल लगे हुए हैं। जहां प्रतिदिन लोगों की भीड़ उमड़ रही है और स्टाल में पहुंचकर अपने काम के विषय पर आवश्यक जानकारी ले रहे है। सबसे ज्यादा युवा वर्ग उत्सुक नजर आ रहे है। एक ही लाइन मे सभी प्रदर्शनी होने के कारण बारी-बारी से सभी में जाकर प्रदर्शनी को देखकर उनके महत्व उद्देश्य की जानकारी के साथ ही किसी प्रकार असमंजस होने पर वहां उपस्थित अधिकारी कर्मचारियो से प्रश्न पूछकर अपनी समस्याओ का समाधान कर रहे है। पर्यटन विभाग में छत्तीसगढ़ मे स्थित विभिन्न पर्यटन स्थल तक पहुंचने के लिए आवश्यक वाहन एवं सुविधाओं के बारे में बताई जा रही है और ब्रोशर उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी प्रकार लोक स्वास्थ्य विभाग, आयुष विभाग, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन, शिक्षा विभाग, जल संसाधन योजना, जलाशय, नहर लिंक परियोजना, पशुधन चिकित्सा, जलवायु परिवर्तन, ग्रामोद्योग, छत्तीसगढ़ माटी हस्तशिल्प कला, आदिम जाति, अनुसूचित जनजाति, खादी विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास योजना हस्तशिल्प कला बोर्ड के साथ ही बिहान योजना की प्रदर्शनी लगी है। सबसे ज्यादा भीड़ समाज कल्याण विभाग के स्टॉल में लगी हुई है, जहां महतारी वंदना योजना की प्रदर्शनी लगी है जिनमें महिलाये विभिन्न प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासाओं का समाधान कर रही है जो कि महिलाओं की आर्थिक पक्ष को सुदृढ़ करने वाली सबसे लोकप्रिय योजना है। वैसे ही कृषि विभाग के स्टाल में ग्रामीण क्षेत्र के युवा एवं बुजुर्ग आधुनिक कृषि उत्पादन क्षमता एवं उनके लाभ को जानकर उन्नत कृषि करने के लिए प्रेरित हो रहे है.
कलेक्टर अग्रवाल ने महिला उत्पीड़न निवारण और अनैतिक व्यापार रोकथाम समिति की गठित
जिला पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में गठित समिति महिला उत्पीड़न की घटनाओं की करेगी सतत निगरानी
समिति पीड़ित महिलाओं को समुचित मार्गदर्शन और सहायता दिलाने में करेगी मदद

गरियाबंद : कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने जिला स्तर पर महिला उत्पीड़न तथा अनैतिक व्यापार की घटनाओं के रोकथाम एवं सतत निगरानी करने महिला उत्पीड़न निवारण तथा अनैतिक व्यापार रोकथाम समिति गठित की है। समिति के अध्यक्ष जिला पुलिस अधीक्षक होंगे। समिति में कलेक्टर के प्रतिनिधि के रुप में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी स्तर के अधिकारी, सहायक आयुक्त जिला संयोजक एसटी, एससी, ओबीसी कल्याण विभाग एवं उपसंचालक पंचायत सदस्य बनाए गए है। डीपीओ महिला एवं बाल विकास विभाग समिति के सदस्य सचिव होंगे। इसके अलावा महिला चिकित्सक के रूप में चिकित्सा अधिकारी डॉ बी बारा एवं डॉ नेहा शर्मा सदस्य बनाए गए है। महिला अभिभाषक के रूप में अधिवक्ता सिविल न्यायालय गरियाबंद श्रीमती पूर्णिमा तिवारी एवं अधिवक्ता छुरा श्रीमती दिव्या शर्मा समिति में शामिल है। इसी प्रकार महिला कल्याण के क्षेत्र में कार्यरत स्वैच्छिक संगठनों के प्रतिनिधि के रूप में लोक आस्था सेवा संस्थान केशोडार गरियाबंद की सुश्री लता नेताम एवं स्वावलंबी महिला विकास समिति गरियाबंद की अध्यक्ष श्रीमती ताकेश्वरी साहू को शामिल किया गया है। महिला कल्याण के क्षेत्र में कार्यरत दो महिला सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में खोज एवं जन जागृति समिति मैनपुर की अध्यक्ष श्रीमती सरस्वती ध्रुव एवं श्रीमती प्रीति मिश्रा को समिति के सदस्य बनाए गए है।
महिला उत्पीड़न निवारण तथा अनैतिक व्यापार रोकथाम समिति के अशासकीय सदस्यों की कार्य अवधि दो वर्ष होगी। समयावधि पश्चात पुनः सदस्यों का नामांकन नवीनीकरण समिति द्वारा किया जा सकेगा। यह समिति महिलाओं एवं बच्चों के अनैतिक व्यापार को रोकने एवं नियमित निगरानी के कार्यों तथा अपेक्षाओं का निष्पादन करेगी। समिति में शामिल सेवकों के लिए पृथक से मानदेय का प्रावधान नही होगा। समिति का उद्देश्य महिला अत्याचार, अनैतिक व्यापार के विरुद्ध कारगर कार्यवाही सुनिश्चित करना, पीड़ित महिलाओं को समुचित मार्गदर्शन एवं सहायता दिलाने में सहयोग करना तथा महिला उत्पीड़न के प्रकरणों अनैतिक व्यापार की रोकथाम के लिए व समाज में स्वस्थ वातावरण निर्माण करने के लिए जन चेतना जागृत करना है। साथ ही पंचायत राज संस्थाओं व स्वयं सेवी संस्थाओं को प्रेरित करना है.
’राजिम कुंभ मेला स्थल में यूनिसेफ एवं एनएसएस वालिंटियर ने कुपोषण मुक्त पंचायत और प्लास्टिक मुक्त गरियाबंद जिला का दिया संदेश’ ’आओ मिलकर कुपोषण दूर भगाए, प्लास्टिक हटाओ जीवन बचाओ के नारे से लोगों को किया जागरूक’

राजिम : राजिम कुंभ कल्प 2024 मेला स्थल में यूनिसेफ एवं एनएसएस वालंटियर के द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। 27 से 29 फरवरी तक चलाए जा रहे जागरूकता अभियान के तहत वॉलंटियर द्वारा कुपोषण मुक्त पंचायत एवं प्लास्टिक मुक्त गरियाबंद जिला का संदेश दिया जा रहा है। स्वयंसेवकों द्वारा आओ मिलकर कुपोषण दूर भगाएं, प्लास्टिक हटाओ जीवन बचाओ के नारे से लोगो को जागरूक किया जा रहा है। साथ ही शिशु संरक्षण माह के तहत शिशु के देखभाल और टीकाकरण के महत्व को भी बताया जा रहा है। इसी थीम पर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। जागरूकता कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों को कुपोषण मुक्त बनाने, गर्भवती महिलाओं के लिए आयरन की दवाई, गरम भोजन , एएनसी जांच के महत्व का प्रचार प्रसार करना है। कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और एएनएम की भूमिका के बारे में भी विस्तार से जानकारी दिया जा रहा है.
इसी तारतम्य में मंगलवार को मेला स्थल में श्री राजीव लोचन मंदिर से लेकर कुलेश्वर मंदिर तक रैली निकालकर लोगो को प्रेरित किया गया। रैली में शासकीय महाविद्यालय छुरा के 26 वॉलंटियर एवं स्टाफ तथा यूनिसेफ जिला सलाहकार चित्रा साहू, सीजीडबल्यूटीपी फाउंडेशन से रमेश कसा, प्रोग्राम मैनेजर एवं टीम उपस्थित रहे। सभी वॉलंटियर को एएसपी श्री डीसी पटेल एवं डीएसपी सुश्री निशा सिन्हा द्वारा सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया.
जिंदगी की दो बूंद पल्स पोलियो अभियान 3 मार्च से, जिले में 90 हजार से ज्यादा बच्चों को पिलाया जाएगा पोलियो ड्राप, राजिम कुंभ मेला स्थल में भी बनाया जाएगा पोलियो बूथ
गरियाबंद : भारत सरकार के निर्देशानुसार राष्ट्रीय सघन पल्स पोलियो अभियान का क्रियान्वयन जिला गरियाबंद में 3 मार्च से 5 मार्च 2024 तक किया जाना है। शून्य से 5 वर्ष तक के बच्चों को पल्स पोलियो की 2 बूंद खुराक पिलाया जाना है। जिले में 90 हजार 982 बच्चों को पल्स पोलियो की 2 बूंद खुराक पिलाया जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिले में 830 पोलियो बूथ चिन्हांकित है। इस अभियान के तहत राजिम कुंभ कल्प मेला स्थल में भी पोलियो बूथ बनाया जायेगा। जिसमें 0 से 05 वर्ष के बच्चों को पोलियो दवा पिलाया जायेगा। समस्त बूथ, मेला, बाजार, इंर्ट भट्ठे, पहुंचविहीन क्षेत्रों एवं घर-घर भ्रमण कर पोलियो की खुराक पिलायी जायेगी.
सीएमएचओ डॉ के.सी उरांव ने बताया कि प्रथम दिवस 830 बूथ पर पल्स पोलियो की खुराक दी जायेगी। जिनमें 3000 सदस्यों की ड्यूटी लगायी गई है। द्वितीय दिवस 04 मार्च को घर-घर भ्रमण कर छुटे हुए बच्चों को पल्स पोलियो की खुराक दी जायेगी। जिनमें 2000 सदस्यों की ड्यूटी लगायी है। तृतीय दिवस 05 मार्च को पहुंचविहीन क्षेत्रों में हुए बच्चों को पल्स पोलियो की खुराक दी जायेगी। जिसमें 100 सदस्यों की ड्यूटी लगायी है। भ्रमण एवं दूरस्थ आबादी वाले क्षेत्र हेतु आवश्यक मोबाईल टीम बनाया गया है। जिला स्तरीय अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा पल्स पोलियो अभियान के मॉनिटर हेतु, डॉ के. सी. उरांव के निर्देशन में जिला के समस्त बूथ पर मॉनिटर किया जायेगा। जिला स्तर पर समस्त विकासखण्डों में वैक्सीन, बैनर, पोस्टर, मार्कर पेन, व अन्य आवश्यक सामग्री पहुंचाया जा चुका है.

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