रायपुर: सूचना का अधिकारी (Right to Information) के लिए अब तक ऑफलाइन आवेदन करना पड़ता था. लेकिन छत्तीसगढ़ में बुधवार से ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था शुरूआत की गई. इसी के साथ छत्तीसगढ़ ऑनलाइन माध्यम से RTI का लाभ देने वाला देश का 6वां राज्य बन गया. इसके लिए एक वेबसाइट भी तैयार कर ली गई है. अब इस सुविधा का लाभ प्रदेशवासी ले पाएंगे.
आरटीआई की सूचना के लिए ऑनलाइन आवदेन
दरअसल राज्य सूचना आयोग में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत ऑनलाईन वेबपोर्टल बनाया गया है. वहीं छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा आयोग के लिए rtionline.cg.gov.in वेबसाईट तैयार कराया गया है. इसमें आवेदक अपना आवेदन जनसूचना अधिकारी, प्रथम अपीलीय अधिकारी और आयोग के समक्ष द्वितीय अपील ऑनलाईन भेज सकता है.
राज्य मुख्य सूचना आयुक्त एमके राउत ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में आदेश के बाद सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत आवेदन के लिए ऑनलाईन पोर्टल बनाया गया है. इसमें खास बात ये भी है की अब अधिनियम के तहत निर्धारित शुल्क भी ऑनलाईन जमा कर सकते हैं.
कैसे करें आवेदन
आयोग में द्वितीय अपील करने के लिए पोर्टल में आवेदक खुद का रजिस्ट्रेशन करने के बाद जनसूचना अधिकारी, प्रथम अपीलीय अधिकारी और आयोग में द्वितीय अपील ऑनलाईन भेज सकते हैं. इसके बाद आवेदक आवेदन आनलाईन अपलोड करने के साथ-साथ ऑनलाईन शुल्क जमा कर सकता है. इससे आवेदकों को नॉन ज्यूडिशियल स्टाम्प/बैंक ड्राफ्ट/पोस्टल आर्डर/मनीआर्डर करने की जरुरत नहीं होगी. साथ ही विभागीय कार्यालयों में खुद आकर आवेदन जमा करने और डाक के माध्यम से आवेदन भेजने की भी जरुरत नहीं होगी.
इस वेबपोर्टल पर ऐसे मांगी जाएगी सूचना
इस वेबपोर्टल के मुख्य पृष्ठ पर आवेदकों के लिए एक लिंक है. इसके लिए किसी व्यक्ति का सक्रिय ईमेल आईडी होना जरूरी है. पंजीयन करने पर उसी ईमेल आईडी पर वेरिफिकेशन लिंक भेजा जाएगा. उसका उपयोग कर नया आवेदक अपने लाॅगिन के लिए पासवर्ड बना सकता है. उसके बाद नाम, पता, फोन नंबर जैसी जानकारियां देनी होगी. निर्देशों का पालन करते हुए आवेदन को अपलोड करना होगा. ऑनलाइन शुल्क जमा करने के लिए आवेदक को तीन विकल्प दिए गए हैं। नेट बैंकिग के द्वारा, डेबिट-क्रेडिट कार्ड के जरिए या क्यूआर कोड की सहायता से शुल्क जमा किया जा सकता है.
ऑनलाइन सुविधा से फायदे
राज्य के दूरदराज क्षेत्र के नागरिकों को मिलेगा फायदा.
आवेदक को आवेदन आनलाईन अपलोड करने के साथ-साथ आनलाइन शुल्क जमा करने की सुविधा मिलेगी.
आवेदकों को नॉन ज्यूडिशियल स्टाम्प/बैंक ड्राफ्ट/पोस्टल आर्डर/मनीआर्डर करने की जरूरत नहीं होगी.
विभागीय कार्यालयों में खुद आकर आवेदन जमा करने या फिर डाक के जरिए से आवेदन भेजने की अनिवार्यता खत्म होगी.
आनलाइन शुल्क जमा करने के 3 ऑप्शन
• नेट बैंकिग के द्वारा, डेबिट/क्रेडिट कार्ड के द्वारा या क्यू.आर. कोड की मदद से किसी भी यूपीआई के माध्यम से.
• राज्य के सभी विभागों के जनसूचना अधिकारी अपना रजिस्ट्रेशन इसी पोर्टल में आनलाइन कर सकते हैं.
• प्रथम अपीलीय अधिकारियो और नोडल अधिकारी की जानकारी भरने संबंधितों को भेज सकते हैं.
जिसके बाद संबंधित प्रथम अपीलीय अधिकारी एवं नोडल अधिकारी को वेरिफिकेशन करना होगा. उसके बाद रजिस्ट्रेशन पूरा हो जाएगा.
- सार्वजनिक प्राधिकारी- “सार्वजनिक प्राधिकारी” से आशय है (क) संविधान द्वारा अथवा उसके अंतर्गत (ख) संसद द्वारा निर्मित किसी अन्य कानून के द्वारा (ग) राज्य विधायिका द्वारा बनाए गए किसी अन्य कानून के द्वारा (घ) समुचित सरकार आदि द्वारा जारी अथवा दिए गए किसी आदेश के द्वारा स्थापित कोई प्राधिकरण या निकाय या स्व-शासी संस्था.
- सूचना का अधिकार – सूचना का अधिकार में ऐसी सूचना तक पहुँच का होना समाहित है. जो किसी सार्वजनिक प्राधिकारी द्वारा धारित अथवा उसके नियंत्रण में है. इसमें कार्य, दस्तावेज, अभिलेखों को देखने, दस्तावेजों/अभिलेखों से टीप, उद्धरण लेने और सामग्री के प्रमाणित नमूने तथा इलेक्ट्रॉनिक रूप में संग्रहीत सूचना प्राप्त करने का अधिकार शामिल है.
- प्रकटन से छूट-प्राप्त सूचना – अधिनियम की धारा 8 व 9 में कतिपय श्रेणियों की सूचनाओं को नागरिकों पर प्रकट करने से छूट का प्रावधान है. सूचना पाने के इच्छुक व्यक्तियों को सलाह दी जाती है कि वे सूचना हेतु अनुरोध प्रस्तुत करने के पहले अधिनियम की तत्संबंधी धाराओं को देख लें.
- सूचना के लिए कौन अनुरोध कर सकता है – कोई भी नागरिक निर्धारित शुल्क देकर अंग्रेजी/हिन्दी/जहाँ आवेदन किया जा रहा हो वहाँ की राजभाषा भाषा में लिखित में अथवा इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से सूचना के लिए आवेदन कर सकता है. RTI मलतब सूचना का अधिकार – ये कानून हमारे देश मे 2005 मे लागू हुआ, जिसका उपयोग कर के आप सरकार और किसी भी विभाग से सूचना मांग सकते हैं. इस बारे में रोचक जानकारी निचे देख सकते हैं.
किस प्रकार की सूचना मांग सकते हैं.
- आरटीआई से आप सरकार से सवाल पूछ कर सूचना ले सकते है.
- आरटीआई से आप सरकार के दस्तावेज़ की जांच कर सकते है.
- आरटीआई से आप दस्तावेज़ या Document की प्रमाणित Copy ले सकते है.
- आरटीआई से आप सरकारी कामकाज में इस्तेमाल सामग्री का नमूना ले सकते है.
- आरटीआई से आप किसी भी कामकाज का निरीक्षण कर सकते है आरटीआई की निम्न धाराऐं महत्वपूर्ण है इन्हे याद रखना चाहिये.
- धारा 6 (1) – आरटीआई का Application लिखने का धारा है.
- धारा 6 (3) – अगर आप की Application गलत विभाग में चली गयी है तो गलत विभाग इस को 6 (3)
- धारा के अंतर्गत सही विभाग मे 5 दिन के अंदर भेज देगा.
- धारा 7(5) – इस धारा के अनुसार BPL कार्ड वालों को कोई आरटीआई शुल्क नही देना होता.
- धारा 7 (6) – इस धारा के अनुसार अगर आरटीआई का जवाब 30 दिन मे नही आता है तो सूचना फ्री में दी जाएगी.
- धारा 18 – अगर कोई अधिकारी जवाब नही देता तो उस की शिकायत सूचना अधिकारी को दी जाए.
- धारा 19 (1) – अगर आपकी आरटीआई का जवाब 30 दिन में नही आता है तो इस धारा के अनुसार आप प्रथम अपील अधिकारी को प्रथम अपील कर सकते हैं.
- धारा 19 (3) – अगर आपकी प्रथम अपील का भी जवाब नही आता है तो आप इस धारा की मदद से 90 दिन के अंदर 2nd अपील अधिकारी को अपील कर सकते हैं.