Thursday, May 16, 2024
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तांत्रिक ने भूत-प्रेत का साया बताकर बाधा दूर करने के बहाने 16 साल की नाबालिग लड़की से किया दुष्कर्म, प्रेग्नेंट हुई तो करा दिया एबार्शन

हमीरपुर : उत्तर प्रदेश में अंधविश्वास के चक्कर में एक लड़की की आबरू लुट गई. तांत्रिक ने एक 16 साल की लड़की को भूत-प्रेत का साया बताकर भूत बाधा दूर करने जंगल ले गया. इसके बाद उसे पानी में नशीला पदार्थ पिला दिया. बेहोश होने पर रेप किया. जब किशोरी प्रेग्नेंट हो गई तो उसे धमकाकर एबॉर्शन की दवा खिला दी. उसके बाद भी उसके साथ रेप करता रहा. किसी तरह किशोरी ने अपनी आपबीती अपने माता-पिता को बताई. किशोरी की मां ने थाने में शिकायत की है.

पूरा मामला हमीरपुर जिले के चिकासी थाना क्षेत्र के एक गांव का है. पीड़िता के पिता और मां दिल्ली में रहकर काम करते हैं. पीड़िता अपनी दादी के साथ गांव में रहती है. करीब दो महीने पहले लड़की की तबीयत खराब हो गई. गांव के ही एक तांत्रिक को घर बुलाकर दिखाया गया. तांत्रिक ने लड़की पर प्रेत बाधा का साया बताया. टोना-टोटका से इलाज करने की बात कही तो बच्ची को दादी ने तांत्रिक के साथ भेज दिया.

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पीड़िता ने बताया कि तांत्रिक मुझे शाम को अपने साथ जंगल लेकर गया. जहां जाते ही उसने मुझे पानी पीने को दिया. उसने बताया कि पानी भूत-प्रेत भगाने की दवा दी है. लेकिन पानी पीते ही जब मैं बेहोश हो गई तो उसने मेरे साथ गलत काम किया. जब मैं होश में आई तो मुझे दर्द होने लगा. मैं चिल्लाने लगी तो उसने मुझे धमकाया और मेरे माता-पिता और भाई की हत्या करने की धमकी देकर चुप करा दिया. इसके बाद कई दिनों तक जंगल ले जाकर बलात्कार करता रहा. जब प्रेग्नेंट हुई तो उसने दुकान से टैबलेट लाकर खिला दी.

इसके बाद मेरे  पास आकर हाल चाला पूछकर चला जाता. जब मेरा गर्भपात हो गया तो वो फिर मुझे गलत काम करने के लिए अपने साथ ले गया. लेकिन मैंने विरोध किया और जंगल से भाग आई. पूरी आपबीती मां को फोन पर बताई. तब 22 अगस्त को मां दिल्ली से आई. मुझे चिकासी थाने ले जाकर पुलिस को पूरी आपबीती बताई.

थाना प्रभारी इंस्पेक्टर आशुतोष सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है. लड़की नाबालिग है. उसे मेडिकल के लिए भेजा गया है. मामले में केस दर्ज किया जा रहा है. पीड़िता के बयान भी लिये गए हैं. आरोपी की जल्द गिरफ्तारी की जाएगी.

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एबॉर्शन के बारे में मिडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जानकारी

अबॉर्शन चाहे जिस किसी भी वजह से हो. गर्भपात कराने के लिए एक महिला को शारीरिक और मानसिक तनाव और बदलाव – दोनों से ही गुजरना पड़ता है.

अगर हाल ही में आपका अबॉर्शन हुआ है और उसके बाद पीरियड्स समय पर नहीं आ रहे हैं या आपको गर्भधारण करने में किसी तरह की कोई परेशानी आ रही है तो आपको स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए. स्त्री रोग विशेषज्ञ आपकी समस्या के सटीक कारण का पता लगाकर उचित इलाज की मदद से आपकी बीमारी को दूर कर सकती हैं.

अबॉर्शन के दौरान गर्भ में मौजूद भ्रूण को दवाओं या सर्जरी की मदद बाहर निकाला जाता है. यह पूरी तरह से गर्भावस्था की अवधि, महिला के ओवरऑल हेल्थ और डॉक्टर पर निर्भर करता है कि वह एबॉर्शन के लिए दवाओं का इस्तेमाल करते हैं या सर्जरी का. अबॉर्शन की दवाओं का इस्तेमाल करने से पहले आपको डॉक्टर से परामर्श जरुर करना चाहिए.

डॉक्टर मरीज की हालत और दूसरे महत्वपूर्ण बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए बच्चा गिराने की दवाएं निर्धारित करते हैं. आमतौर पर इन दवाओं का असर 1-4 घंटे के अंदर दिखाई देने लगता है. साथ ही, प्रेग्नेंसी के टिश्यू शरीर से बाहर निकलने लगते हैं.

अबॉर्शन की इस प्रक्रिया को पूरा होने में काफी लंबा समय लगता है. जब यूटेरस खाली होने लगता है तो हैवी पीरियड्स और क्रैंप महसूस हो सकते हैं. इसमें कभी-कभी हफ्तों तक भी ब्लीडिंग हो सकती है.

सर्जरी के जरिए एबॉर्शन को वैक्यूम एस्पिरेशन (Vacuum Aspiration) कहते हैं. इस प्रक्रिया के दौरान स्पेकुलम नामक मेडिकल उपकरण को महिला के शरीर के अंदर डालकर यूटेरस को खाली कर दिया जाता है.

सफलतापूर्वक गर्भपात होने के करीब 4-8 हफ्ते के अंदर पीरियड्स आने शुरू हो जाते हैं. एबॉर्शन के बाद निश्चित समय तक डॉक्टर से फॉलोअप जरूर लें.

अगर गर्भपात के बाद पीरियड न आए तो इस बारे में डॉक्टर से जरूर बात करें. आज कई “पीरियड्स जल्दी लाने के उपाय” मौजूद हैं जिनकी मदद से आप अपने पीरियड्स को जल्दी ला सकती हैं. लेकिन इन उपायों का इस्तेमाल करने से पहले एक बार डॉक्टर से जरुर बात करें.

प्रेग्नेंसी, एबॉर्शन और पीरियड्स का आपस में गहरा संबंध हैं. आमतौर पर प्रेग्नेंसी होने पर पीरियड्स मिस होते हैं. जब अंडे और स्पर्म के बीच फर्टिलाइजेशन की क्रिया नहीं होती है तो अंडा अपने आप फुट जाता है और योनि से ब्लीडिंग होती है. जिसे पीरियड्स कहते है.

गर्भ से भ्रूण को हटाने यानि अबॉर्शन करने पर ब्लीडिंग होती है और पीरियड्स आ जाते हैं. कई बार जब प्राकृतिक रूप से भी गर्भपात होता है तब भी ब्लीडिंग होने लगती है या ब्लड क्लॉट आने लगते हैं.

अबॉर्शन को दवा और सर्जरी – दोनों ही तरह से किया जा सकता है और इन दोनों ही प्रक्रियाओं के दौरान ब्लीडिंग होती है. ब्लीडिंग गर्भपात होने के बाद का लक्षण है. आमतौर पर गर्भपात होने के बाद करीब दो हफ्ते तक ब्लीडिंग होना सामान्य बात है.

सर्जिकल अबॉर्शन में ब्लीडिंग कम होती है. लेकिन दवाओं से किए एबॉर्शन में करीब 9 दिनों तक ब्लीडिंग होती है. हालाँकि, कुछ मामलों में ब्लीडिंग ज्यादा-कम भी हो सकती है.

एबॉर्शन होने के बाद ज्यादा ब्लीडिंग होने पर यूटेरस की सफाई कराने की जरुरत पड़ सकती है. यूटेरस की सफाई करने की प्रक्रिया को डाइलेशन और क्यूरेटेज (Dilation and Curettage) या फिर डीएंडसी कहते है. इस प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर सर्विक्स में चम्मच जैसा एक टूल डालकर टिश्यू को बाहर निकाल देते हैं. आमतौर पर इस प्रक्रिया को जरूरत पड़ने पर ही किया जाता है।

एबॉर्शन के बाद पूरी तरह से ठीक होने में कितना समय लगेगा यह काफी हद तक महिला की ओवरऑल हेल्थ पर निर्भर करता है. आमतौर पर ऐसा कहा जाता है कि प्रेग्नेंसी की अवधि जितनी होती है. एबॉर्शन के बाद ठीक होने में भी करीब उतना ही समय लगता है. साथ ही, महिला की रिकवरी काफी हद तक इस बात पर भी निर्भर करती है कि एबॉर्शन किस तरीके से किया गया है.

एबॉर्शन के कितने दिन बाद शारीरिक संबंध बनाना चाहिए?
एबॉर्शन के बाद ब्लीडिंग होना सामान्य बात है. ब्लीडिंग पूरी तरह से बंद होने के बाद शारीरिक संबंध बनाने की सलाह दी जाती है. आमतौर पर एबॉर्शन के बाद करीब एक हफ्ते तक यौन संबंध बनाने से मना किया जाता है. जब ब्लीडिंग बंद हो जाए तो मरीज को एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह लेनी चाहिए. साथ ही, एबॉर्शन के बाद किस तरह का गर्भनिरोधक इस्तेमाल करना है. इसके बारे में भी अपने डॉक्टर से जरुर राय लेनी चाहिए.

सफल अबॉर्शन के सिर्फ 2-3 सप्ताह के अंदर फिर से कंसीव / गर्भधारण किया जा सकता है. अगर आप एबॉर्शन के बाद गर्भधारण करने का प्लान बना रही हैं तो आपको सबसे पहले एक स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए ताकि संभावित जटिलताओं के खतरे को कम से कम या ख़त्म किया जा सके.

एबॉर्शन के बाद कमजोरी महसूस होने पर क्या करें?
भरपूर नींद लें.
भरपूर पानी पिएं.
संतुलित डाइट लें.
कोई भी भारी सामान न उठाएं.
मन को शांत और पॉजिटिव रखें.
डॉक्टर की देखरेख में हल्का-फुल्का व्यायाम करें.
ज्यादा कमजोरी होने पर डॉक्टर से मिलकर कुछ दवाएं ले लें.
एबॉर्शन के बाद पीरियड्स को लेकर ध्यान रखें. गर्भपात नैचुरल है या करवाया गया है. दोनों के बाद भी महिला को अपना ध्यान रखना चाहिए. एबॉर्शन के बाद महिला में कई बदलाव आते हैं. जिसकी वजह से मानसिक तनाव होता है.

01. आयरन
एबॉर्शन के समय ब्लीडिंग ज्यादा होती है. जिससे एनीमिया हो सकता है. इसलिए एबॉर्शन के बाद आयरन से भरपूर चीजों का सेवन करना चाहिए. आयरन रेड ब्लड सेल्स को बनाने में मदद करता है. जिससे खून बढ़ता है. मटर, सेम, फिश, मूंगफली, ओटमील, पालक, किशमिश में भरपूर मात्रा में आयरन पाया जाता है.

02. विटामिन सी
विटामिन सी शरीर में आयरन को एब्जॉर्ब करने में मदद करता है. आयरन को डाइट में शामिल करने के साथ संतुलित मात्रा में विटामिन सी लेना भी जरूरी है. विटामिन सी के लिए संतरे, ग्रेपफ्रूट, कीवी, स्ट्रॉबेरीज, ब्रोकली, टमाटर आदि को अपनी डाइट में शामिल किया जा सकता है.

03. मैग्नीशियम
मैग्नीशियम मानसिक सेहत को बेहतर करने में मदद करता है. डाइट में मैग्नीशियम शामिल करने से घबराहट, नींद न आना, चिड़चिड़ापन आदि कम हो जाता है. केला, एप्रिकॉट, बादाम, काजू, मटर, सेम और दूध मैग्नीशियम का बेहतर श्रोत हैं.

04. चॉकलेट
ब्रिटिश जर्नल ऑफ क्लिनिकल फार्माकोलॉजी की एक रिसर्च के मुताबिक, चॉकलेट मूड़ को ठीक करने में मदद करता है. चॉकलेट में फ्लावोनोइड होता है. जिससे दिमाग को फायदा होता है. एबॉर्शन के बाद संतुलित मात्रा में चॉकलेट खाना फायदेमंद होता है.

खैर, गर्भपात का कारण चाहे जो भी हो, आपके शरीर पर इसका बुरा असर पड़ता है. जिसके कारण आपको भविष्य में दोबारा गर्भधारण करने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

अबॉर्शन के बाद आप शारीरिक रूप से काफी कमजोर हो जाती हैं. क्योंकि इस दौरान काफी ज्यादा तादाद में ब्लीडिंग होती है. ब्लीडिंग होने की वजह से कई बार इंफेक्शन होने का ख़तरा भी बढ़ जाता है. इसलिए अबॉर्शन के बाद स्त्री-रोग विशेषज्ञ से मिलना जरुरी है.

कई बार कुछ महिलाएं अबॉर्शन के तुरंत बाद फिर से गर्भधारण नहीं करना चाहती हैं. ऐसे में उन्हें पीरियड्स और ओव्यूलेशन की सही जानकारी न होने के कारण जब वे बिना सेफ्टी के संबंध बनाती हैं तो फिर से अनजाने में कंसीव यानी गर्भधारण कर लेती हैं.

इसलिए गर्भपात के कितने दिन बाद पीरियड आता है. गर्भपात के बाद मासिक धर्म कब आता है. एबॉर्शन (अबॉर्शन) के कितने दिन बाद पीरियड आता है. गर्भपात के कितने दिन बाद पीरियड आता है या एबॉर्शन के बाद ओवुलेशन कब होता है इस बारे में पता होना चाहिए. अबॉर्शन के बाद स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करके गर्भनिरोधक का सेवन करना चाहिए.

अगर आपका हाल ही अबॉर्शन हुआ है या फिर आगे अबॉर्शन कराने का प्लान है तो आपको पीरियड्स, ओव्यूलेशन और दूसरे जरुरी पहलुओं के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

अबॉर्शन के बाद आपको करीब एक हफ्ते तक कुछ परेशानियां हो सकती हैं जैसे कि योनि से ब्लीडिंग और योनि में खुजली होना आदि.

अगर आप अबॉर्शन के दो दिन से ज्यादा समय तक नीचे लिखे लक्षणों को खुद में अनुभव करें तो जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलना चाहिए:-

उलटी होना
बेहोशी आना
नींद नहीं आना
तेज बुखार होना
कमर में दर्द होना
हेवी ब्लीडिंग होना
ब्रेस्ट में सूजन होना
योनि से बदबूदार डिस्चार्ज होना
ऊपर बताए गए लक्षण गंभीर बीमारियों की तरफ इशारा हो सकते हैं. समय पर डॉक्टर से मिलकर आप इन लक्षणों को गंभीर रूप लेने से रोक सकती हैं. इसलिए अबॉर्शन के बाद जब तक आप पूरी तरह ठीक नहीं हो जातीं स्त्री-रोग विशेषज्ञ के संपर्क में रहना चाहिए.

डिस्क्लेमर: यह सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है. अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई फैसला लें.

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