Tuesday, May 14, 2024
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गुरु घासीदास का संदेश संपूर्ण मानव समाज के लिए कल्याणकारी : चंद्रशेखर साहू

गुरु घासीदास का संदेश संपूर्ण मानव समाज के लिए कल्याणकारी : चंद्रशेखर साहू
ग्राम धुरसा में गुरु घासीदास जयंती समारोह में पहुंचे जिला पंचायत सदस्य चंद्रशेखर व अतिथिगण
कोपरा : फिंगेश्वर विकासखंड के ग्राम पंचायत धुरसा में बाबा गुरु घासीदास जी की जयंती समारोह धूमधाम से मनाई गई. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिला पंचायत सदस्य चंद्रशेखर साहू, अध्यक्षता छबि भारती अध्यक्ष सतनामी समाज धुरसा, विशेष अतिथि जिला पंचायत सदस्य रोहित साहू, पूर्व जनपद अध्यक्ष राघोबा महाडिक, जनपद सदस्य मालती दिलीप साहू, छुरा जनपद पूर्व उपाध्यक्ष अवधराम साहू, रमेन्द्र साहू सरपँच धुरसा, दुजलाल बंजारे जिलाध्यक्ष सतनामी समाज, गोरेलाल सिन्हा जिलाध्यक्ष श्रमजीवी पत्रकार संघ, दिलीप साहू, मुन्ना कुर्रे, नूतन साहू आदि उपस्थित रहे.
अतिथियों ने बाबा गुरु घासीदास जी की पूजा अर्चना कर समाज और क्षेत्रवासियों के समृद्धि की कामना की. मुख्य अतिथि चंद्रशेखर साहू ने कहा कि गुरु घासीदास बाबा का संदेश सिर्फ सतनामी समाज के लिए नहीं था बल्कि उनका संदेश संपूर्ण मानव समाज के लिए कल्याणकारी है. उनके बताए मार्ग पर चलकर ही आपसी प्रेम,सद्भाव और बंधुत्व का भाव प्रगाढ़ हो सकेगा. बाबा जी के मानव समाज के लिए अनुकरणीय योगदान के लिए संपूर्ण छत्तीसगढ़ ऋणी रहेगा.
सतनामी समाज के जिलाध्यक्ष दुजलाल बंजारे के द्वारा गुरु घासीदास के बताए सत्य मार्गों पर चलने की अपील की व गुरु घासीदास बाबा को समाज को नई दिशा देने वाला महान संत बताया जिन्होंने मनखे मनखे एक समान का संदेश दिया था.
विशेष अतिथि जिला पंचायत सदस्य रोहित साहू ने कहा कि गुरु घासीदास जी के उपदेश समाज के सभी वर्गों के लोगों के लिए वर्तमान युग में भी बेहद आवश्यक हैं. गुरु घासीदास जी के व्यक्तित्व-कृतित्व एवं शिक्षाओँ को समझकर अपने व्यवहार में लाने की आवश्यकता है.
पूर्व जनपद अध्यक्ष राघोबा महाडिक ने कहा कि गुरु घासीदास जी सामाजिक समरसता के प्रणेता हैं. गुरु घासीदास जी को युग दृष्टा के रूप में वर्तमान युग से जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि उनके उपदेश आज भी मार्गदर्शक हैं.
इस दौरान लालाराम साहू, अविनाश बारले, देवलाल भारती, मिथलेश मार्कण्डे, हिराधर गायकवाड़,एतवरी रात्रे, नोहर बंजारे, देवेंद्र भारती, यसवंत भारती, पंचम बंजारे, पुराण बंजारे, सुभाज बंजारे, दुकल्हा बघेल, जुगुल बारले, किशुन, अंकलहा, भकडा, नूतन, सुंदरू, धरम,घनचु, शत्रुहन, पवन, घनश्याम सहित बड़ी संख्या में सतनामी समाज व ग्रामवासियों की उपस्थिति रही.

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