बिलासपुर : होली के दौरान रंग-गुलाल उड़ाते युवकों के साथ हुए विवाद का सीसीटीवी अब सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. इसमें एक युवक को अगवा करने की कोशिश और कार से घसीटत कर ले जाते हुए दिख रहा है. तभी कार का गेट खुल गया और युवक सड़क पर गिर गया. कार सवार युवक मारपीट करते भी दिख रहे हैं. युवक एक महिला इंस्पेक्टर का डॉक्टर भाई बताया जा रहा है. जिस पर दबंगई दिखाने का आरोप लगा है. इस मामले में पुलिस ने यातायात बाधित करने होली खेलने वाले युवकों पर गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज किया है. जबकि, इंस्पेक्टर के भाई और अन्य के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. पूरा मामला सकरी थाना क्षेत्र का है.
दरअसल, उसलापुर के गीता पैलेस के पास रहने वाले डॉ. दुर्गेश सिंह राजपूत आईजी ऑफिस में पदस्थ इंस्पेक्टर किरण सिंह राजपूत का भाई है. होली पर्व के दिन दोपहर करीब तीन बजे वो दवाई लेकर अपनी होंडा सिटी कार से घर जा रहा था. उसके साथ उसका दो भांजे भी थे. इस दौरान आकांक्षा पैलेस के सामने कुछ युवक होली मना रहे थे. इस दौरान उन्होंने अपनी कार को बीच सड़क पर खड़ी कर दिया था. आरोप है कि दुर्गेश ने उन्हें कार हटाने के लिए बोला. तब युवकों ने उनके साथ गाली-गलौज किया. इस बीच एक युवक ने उनके ऊपर पानी डालने लगा.
आरोप है कि दुर्गेश व उसके भांजे के साथ युवकों ने धक्का मुक्की करते हुए बेसबॉल से मारपीट की. जिससे डर कर बचाव करते हुए तीनों माफी मांगते हुए वहां से निकलने लगे. इसी दौरान एक युवक ने उन्हें दौड़ाते हुए कार के सामने ईंट मार दिया. जिससे सामने का शीशा टूट गया.
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घर पहुंचने पर डॉ. दुर्गेश ने अपनी इंस्पेक्टर बहन को घटना की जानकारी दी. जिसके बाद उन्होंने पुलिस कंट्रोल रुम को फोन किया. फिर वो खुद भी मौके पर पहुंच गई. इस दौरान पता चला कि राहूल सिंह, योगेश देवांगन, आकाश साहू, सुदीप यादव, रामपाल कुशवाहा, महेन्द्र शर्मा, शैलेन्द्र सिंह और विवेक चतुर्वेदी और उसके दोस्त शराब पीकर हुड़दंग कर मारपीट की है. जिस पर डॉ. दुर्गेश ने उनके खिलाफ थाने में शिकायत की. पुलिस ने युवकों के खिलाफ गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है.
इधर, दूसरे पक्ष के युवकों का आरोप है कि डॉ. दुर्गेश होंडा सिटी कार में सवार थे. उन्होंने कार हटाने के लिए बोला तब एक युवक कार साइड करने के लिए आगे बढ़ा. उसी समय उसका दोस्त पानी की बौछारे मारने लगा. जिसे देखकर कार सवार डॉ. बाहर निकलकर मारपीट करने लगा. देखते ही देखते कार के पीछे बैठे दो युवक भी बाहर आ गए और स्टीक लेकर मारपीट करने लगे. इस दौरान एक युवक को कार में अगवा कर ले जा रहे थे. जिससे युवक घसीटते हुए दूर तक गया. अचानक कार का गेट खुलने पर युवक नीचे गिरा. इस घटना के बाद डॉ. अपनी इंस्पेक्टर बहन को लेकर पहुंचा. फिर वो दबंगई दिखाने लगी. वहीं, पुलिसवालों को बुलाकर युवकों की जमकर पिटाई की. आरोप है कि एडिशनल एसपी सिटी उमेश कश्यप भी वहां पहुंच गए थे. सभी ने मिलकर इंस्पेक्टर का साथ दिया और युवकों की जमकर पिटाई भी की.
इस घटना के बाद युवक भी सीसीटीवी वीडियो लेकर थाना पहुंचे. जहां उन्होंने सीसीटीवी वीडियो दिखाकर कार सवार डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की. उन्होंने पुलिस को यह भी बताया कि कार सवार उनके एक दोस्त को अगवा कर ले जा रहे थे. जिसके कारण उन्होंने ईंट चलाया. लेकिन पुलिस ने उनकी शिकायत पर कार्रवाई करने से मना कर दिया.
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एडिशनल एसपी सिटी उमेश कश्यप ने बताया कि होली पर्व पर उसलापुर में विवाद होने का पाइंट मिला था. जिस पर मैं वहां गया था. लेकिन तब तक युवकों का विवाद हो गया था. मैने दोनों पक्षों को थाने ले जाकर सीसीटीवी वीडियों के आधार पर कार्रवाई करने के लिए कहा था. पुलिस ने कैसे एफआईआर नहीं की. मुझे मालूम नहीं है.
सकरी TI अभय सिंह ने कहा कि युवक होली पर्व पर हुड़दंग मचा रहे थे. बीच सड़क पर कार खड़ी कर दिया था. जिसे लेकर विवाद हुआ. उन्होंने डॉक्टर व उसके भांजों के साथ मारपीट की है. जिस पर केस दर्ज किया गया है. कार सवार वहां से जा रहे थे. तभी युवकों ने पीछे बैठे युवक को खींचने का प्रयास किया और डॉक्टर कार तेज कर दिया. जिसके चलते युवक घसीटा गया. हुड़दंगियों की शिकायत पर पुलिस कार्रवाई नहीं करेगी.
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होली में कुछ लोग हुड़दंग के साथ विवाद भी करते हैं और आम जनता को उसे तकलीफ होती है उसे पर कार्रवाई होना जरुरी है लेकिन होंडा सिटी कार में एक महिला के साथ तीन दबंग लोगों का होना और उनके आदेश पर इस तरह की मारपीट करना यह समझ परे हैं…!
इन्हीं सब घटनाओं को लेकर विवेक चतुर्वेदी ने आज थाना सकरी में एक लिखित आवेदन देते हुए शिकायत दर्ज कराई कि उक्त कार में कोई किरण राजपूत सिंह मैडम थी और इस गाड़ी में उनके भाई दुर्गेश सिंह जो पेशे से डॉक्टर है के अलावा
यदुनदन सिंह- नीरज सिंह भी थे. उन्होंने मेरे साथ मारपीट की और बेवजह मुझे घसीट कर अगवा करने की भी कोशिश किया.
अब देखने वाली बात यह है कि अगर वह पुलिस थी तो प्राइवेट गाड़ी में चार लोगों के साथ कैसे पेट्रोलिग कर रही थी और जिन लड़को को पकड़ने की कोशिश वे कर रही थी वो क्या किसी आपराधिक गतिविधियों में शामिल थे? यह बड़ा ही सोचनीय विषय है…
पीड़ित विवेक चतुर्वेदी के मुताबिक यह भी प्रदर्शित होता है कि जिस होंडा सिटी कार में मैडम किरण सिंह राजपूत के साथ दुर्गेश सिंह राजपूत- जो उनके भाई जो पेशे से डॉक्टर हैं के अलावा यदुनदन सिंह- नीरज सिंह भी उनके साथ थे. और जब उन्हें कार से खींच कर ले जाने का प्रयास किया जा रहा था, तब उन्होंने देखा कि उक्त कार में तलवार और कई तरह के हथियार भी थे
और उक्त महिला मैडम किरण सिंह ने यह कहते हुए आदेश दिया कि इसको खींच लो अभी राइट कर देती हूं यह जानता नहीं मैं कौन हूं, ऐसा कथन पीड़ित ने लिखित में थाने में शिकायत के तौर पर दिया है.
अब यहां स्थिति पुलिस और पब्लिक के बीच की है कि पुलिस जनता की रक्षा के लिए होती है ना कि उन्हें इस तरह की दबंगई करने का कोई हक है अगर कोई व्यक्ति कानून का उल्लंघन करता है तो सबसे पहले उसे समझाइश दी जाती है अगर वो फिर भी नही मानता तो उसे पुलिस अपने तरीके से उस उल्लंघनकर्ता पर कानूनी कार्यवाही कर सकती है.
लेकिन सिर्फ साइड देने में देर होने पर अगर कोई अधिकारी अपनी वर्चस्व में खलल समझते हुए अपने अधिकारों का दुरुपयोग करता है तो असल में कानून के दायरे से बाहर आने के लिए उस पर कार्यवाही होनी चाहिए.
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