Monday, April 29, 2024
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हिमाचल राज्यसभा चुनाव में खेला, BJP के हर्ष महाजन जीते, अभिषेक मनु सिंघवी हारे, क्या महाराष्ट्र की तरह हिमाचल में भी गिर जाएगी सरकार?

राज्यसभा चुनाव के कर्नाटक से परिणाम आए हैं, जहां पर कांग्रेस के तीन राज्यसभा उम्मीदवारों को जीत मिली है. जीतने वाले उम्मीदवार, अजय माकन, नासिर हुसैन और जीसी चंद्रशेखर हैं. अजय माकन ने 47, नासिर हुसैन ने 46 और जीसी चंद्रशेखर ने 46 वोटों से जीत हासिल की है. इसके अलावा यहां पर भाजपा के नारायण बंदिगे ने भी जीत हासिल की है.

जेडीएस के कुपेंद्र रेड्डी को भी विजेता घोषित किया गया है. गौरतलब है कर्नाटक में राज्यसभा चुनाव की वोटिंग के दौरान क्रॉस वोटिंग भी की गई है. यहां पर भाजपा विधायक एसटी सोमशेखर ने क्रॉस वोटिंग की है. वहीं एक अन्य विधायक शिवराम हब्बार ने वोट ही नहीं डाला. भाजपा को 48, कांग्रेस को 139 और जेडीएस को 35 वोट मिले. यहां पर निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस का साथ दिया.

उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में वोटों की गिनती के दौरान विवाद हुआ. हिमाचल में बीजेपी ने बबलू के वोट को रद्द करने की मांग की. वहीं, यूपी में समाजवादी पार्टी ने नील के वोट को रद्द करने की मांग की. दोनों विधायक बीमार हैं और उन्हें विधानसभा लाकर मतदान कराया गया.

सीएम सुक्खू ने बीजेपी पर विधायकों को किडनैप करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ बसों से हरियाणा पुलिस उनके विधायकों को किडनैप करके पंचकुला ले गई है. सियासी गलियारों में सुगबुगाहट है कि प्रदेश में सुक्खू सरकार पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं. कारण, कई विधायक बीजेपी के साथ जा सकते हैं.

शिमला : हिमाचल प्रदेश राज्यसभा चुनाव में बड़ा उलटफेर हो गया है. हिमाचल राज्यसभा की एक सीट पर बीजेपी ने कब्जा जमा लिया है. बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन को जीत मिली है. दरअसल राज्यसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन और कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी को बराबर 34-34 वोट मिले थे. इसके बाद लॉटरी से विजेता की घोषणा की गई. इसमें बीजेपी के प्रत्याशी हर्ष महाजन का नाम निकला. इसके बाद उन्हें विजयी घोषित कर दिया गया. हर्ष महाजन की जीत पर कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी ने बधाई दी. वहीं क्रास वोटिंग करने वाले कांग्रेस विधायकों पर तंज भी कसा.

इसके बाद नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के इस्तीफे के मांग की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अल्पमत में है. ऐसे में अब राज्य में सियासी संकट खड़ा हो गया है. जून 2022 में महाराष्ट्र में भी ऐसे ही कुछ हालात पैदा हुए थे. जब एमएलसी चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी सरकार गिर गई थी.

हिमाचल प्रदेश से कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी कहते हैं कि सबसे पहले मैं हर्ष महाजन (भाजपा उम्मीदवार) को हार्दिक बधाई देता हूं. उन्होंने जीत हासिल की है. वह मेरी बधाई के पात्र हैं. मैं उनकी पार्टी से कहना चाहूंगा- आत्मनिरीक्षण करें और सोचें. एक 25 सदस्यीय पार्टी 43 सदस्यीय पार्टी के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा करती है. बस एक ही संदेश है कि हम बेशर्मी से वह काम करेंगे. जिसकी कानून इजाजत नहीं देता.

मालूम हो कि 68 सदस्यों वाली राज्य विधानसभा में कांग्रेस के 40 विधायक हैं. भाजपा के 25 विधायक हैं. वहीं, तीन निर्दलीय विधायकों ने भी सरकार को समर्थन दे रखा है.

क्रॉस वोटिंग के दावे को लेकर राज्य में सियासी उठापटक शुरू हो चुकी है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार के अल्पमत में होने का दावा करने वाली भाजपा क्या सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी. दूसरी तरफ नजर कांग्रेस पर भी होगी. जिसने कहा है कि राज्यसभा चुनाव से पहले उसने व्हिप जारी किया था.

हिमाचल सरकार का सियासी भविष्य क्या है? इस पर लोकसभा के पूर्व महासचिव पीटीडी अचारी से बात की गई. अचारी ने कहा, राज्यसभा चुनाव के लिए कोई व्हिप नहीं होती है. व्हिप से कोई फायदा नहीं होता. कांग्रेस के विधायकों ने भाजपा के लिए मतदान किया है तो यह मुसीबत है. अगर कांग्रेस के विधायक भाजपा की तरफ चले गए और उसके लिए मतदान किया है तो कांग्रेस का बहुमत कम हो रहा है. अगर ये विधायक भाजपा में शामिल होते हैं तो अयोग्य हो जाएंगे. ऐसे में अभी तो स्थिति अस्थिर है.

अचारी ने कहा, अगर नमूने के तौर पर दो-तीन विधायकों को अयोग्य करते हैं तो उसके लिए आधार अलग होता है. जैसे कि विधायक ने अपनी इच्छा से पार्टी छोड़ दी है. इस आधार पर विधायकों को अयोग्य घोषित किया जा सकता है. दूसरी स्थिति में अहर सभी विधायकों के खिलाफ याचिका दाखिल करें तो ऐसा होगा कि कांग्रेस खुद कह रही है कि उसका बहुमत नहीं है. ऐसा कोई भी दल नहीं करेगा. लेकिन अभी मुसीबत है. उप-चुनाव बाद की बात है.

2022 में हुए एमएलसी चुनाव के दौरान कुछ इसी तरह की स्थिति महाराष्ट्र में बनी थी. दरअसल जून 2022 में महाराष्ट्र में एमएलसी की 10 सीटों पर चुनाव हुए. इसके लिए 11 उम्मीदवार मैदान में थे. महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) यानी शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन ने छह उम्मीदवार उतारे थे तो भाजपा ने पांच. खास बात ये है कि शिवसेना गठबंधन के पास सभी छह उम्मीदवारों को जिताने के लिए पर्याप्त संख्या बल था. लेकिन वह एक सीट हार गई. इन पांच में कांग्रेस को सिर्फ एक सीट मिली और एनसीपी-शिवसेना के खाते में दो-दो सीटें आईं.

वहीं, भाजपा के पास सिर्फ चार सीटें जीतने भर की संख्या बल थी. लेकिन पांचवीं सीट भी निकालने में पार्टी सफल रही. एमएलसी चुनाव में बड़े पैमाने पर क्रॉस वोटिंग हुई है. इसके बाद महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे के साथ कई विधायक विधायक पहले गुजरात फिर असम चले गए. कई दिन चले सियासी ड्रामे के बाद उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. बागी विधायकों के नेता एकनाथ शिंदे भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री बन गए. अब यह देखना होगा कि हिमाचल के बागी विधायक क्या करते हैं.

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