Saturday, April 27, 2024
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समर्थन मूल्य में खरीदे गए 2 करोड़ के धान खरीदी केंद्रों से गायब, कार्रवाई के बजाए अफसर गलती पर डाल रहे पर्दा, बड़ा गड़बड़ घोटाला!

गरियाबंद : छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के केंद्रों से समर्थन मूल्य पर खरीदा गया 2 करोड़ रुपये का धान गायब है. ऐसे में धान उठाव करने आ रहे मिलर्स के वाहन खाली हाथ लौट रहे हैं। इधर इतनी बड़ी तादाद में गायब धान की बोरियों को लेकर अधिकारी खामोश हैं.

गरियाबंद जिले में समर्थन मूल्य में खरीदी किए गए धान का उठाव आखरी पड़ाव में है. धान के उठाव होते ही खरीदी केंद्रों में हुए खेला से पर्दा भी उठने लगा है. जिले के 90 खरीदी केंद्र में करीब 60 केंद्रों में 15000 से भी ज्यादा बोरा धान गायब है.
3100 रुपये के दर पर गायब धान की कीमत 2 करोड़ के आसपास हो रही है. इससे पहले तक धान के वजन में शोर्टेज होता था. लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है की इतनी ज्यादा तादाद में धान के बोरे गायब मिले. हैरान करने वाली बात यह है कि ओडिशा सीमा से लगे धान खरीदी केंद्रों में गायब बोरो की तादाद 200 से लेकर 700 तक की है. इन केंद्रों में बोगस खरीदी के आरोप शुरु से लग रहे थे. खरीदी की तारीख बढ़ी तो जिम्मेदार बोरो की तादाद और तौल पत्रक जैसे फार्मिलिटी पूरी तो किए पर आखरी चरण में प्रशासन की क्रोस चेकिंग, रकबा सरेंडर, सीमाओं पर धर पकड़ बढ़ने की वजह से धान की तादाद की पूर्ति नहीं कर सके.
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इस मामले में सहकारी समितियों को नियंत्रित करने वाले सहायक पंजीयक उषा ध्रुव ने कहा कि हमें तो इसकी जानकारी नहीं है. आपसे पता चल रहा है. जांच कराने के बाद ही कुछ बोल सकते हैं. मार्कफेड के डीएमओ अमित चंद्राकर ने कहा की डीओ काटा गया है. मिलर उठाव कर रहे हैं, देरी के वजह त्योहार भी हो सकता है. गायब बोरे के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है.
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब धान उठाव के लिए खरीदी केंद्र पहुंच रही मिलर की गाड़ियां बैरंग लौटना शुरु हुई. दरअसल 10 दिन पहले ही आखरी चरण के उठाव के लिए मिलर्स को डीओ काटा गया था. लेकिन जिन केंद्रों में धान का बोरा गायब है. वहां से बैरंग लौटना पड़ा. इस मामले की भनक लगी तो मंगलवार को गोहरापदर सहकारी बैंक मेनेजर नयन सिंह ठाकुर, प्राधिकृत अधिकारी अस्वनाथ सिंह बरबहली केंद्र पहुंच गए.
रिकार्ड के मुताबिक इस केंद्र में 1000 बोरा धान होना चाहिए था पर फिल्ड में 500 बोरा भी मौजूद नहीं है. बीएम ठाकुर ने इसकी पुष्टि भी की. लेकिन खरीदी प्रभारी जस कुमार यादव ने सफाई देते हुए कहा कि संग्रहण केंद्र भेजे गए धान में हर ट्रिप में 5 से 10 क्विंटल का शॉर्टज आया. भरपाई के लिए तकादा किया जाता रहा. जिसकी वजह से बाद में जाने वाले वाहनों में एक्स्ट्रा बोरा धान संग्रहण केंद्र भेजा गया.
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ओडिशा सीमा से लगे छुरा, मैनपुर, देवभोग, अमलीपदर तहसील के जिन खरीदी केंद्रों को बोगस खरीदी के राडार में प्रशासन रखी हुई थी. ऐसे 45 केंद्रों में धान बोरो की मात्रा ज्यादा गायब बताया जा रहा है.

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